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ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिये ये निर्देश

वाराणसी,  उत्तर प्रदेश में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद स्थल का पुरात्विक सर्वेक्षण कराने से मामले की सुनवाई के लिए 20 फरवरी मुकर्रर की गई है।

आशुतोष तिवारी की फास्ट ट्रैक अदालत ;सीनियर डिविजन में अपना पक्ष रखते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील मो0 तौहीन खां ने अदालत के क्षेत्राधिकार का सवाल उठाते हुए कहा कि वक्फ अधिनियम के मुताबकि वक्फ संपत्ति की सुनवायी सिविल अदालत में नहीं की सकती है। इस मामले के लिए वक्फ ट्राइब्यूनल की जानी चाहिए है। अदालत द्वारा नियुक्त वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने इस पर आपत्ति दर्ज की।

श्री रस्तोगी ने दोनों पक्षों की तलीलें सुनने के बाद क्षेत्राधिकार के मामले की सुनवायी के लिए 20 फरवरी की तारिख मुकर्रर की है। उन्होंने बताया कि हिंदू पक्षकार पंडित सोमनाथ व्यास एवं अन्य का मानना है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ स्थित ज्ञानवापी मस्जिद ज्योतिर्लिंग भगवान विशेश्वर मंदिर का एक हिस्सा है और यहां पर हिंदुओं को पूजा.पाठ करने का अधिकार है। इसलिए उन्होंने भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के माध्यम से सच्चाई का पता लगाने के लिए अदालत गुहार लगायी थी। यह मुकदमा यहां की अदालत में करीब तीन दशक से चल रहा है।