पन्ना, हीरा खदानों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एशिया का पहला डायमण्ड म्यूजियम बनेगा। इस आशय की जानकारी देते हुए कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने बताया कि हीरा उत्पादक जिले के नाम से पन्ना को भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाना जाता है। हीरे के इतिहास, महत्व, उत्खनन, तरासने, आभूषणों में जडने तक की जानकारी के साथ बुन्देलखण्ड के इतिहास, संस्कृति, पुरातत्व, मदिरों आदि की जानकारी एक साथ एक जगह उपलब्ध कराने के लिए यह म्यूजियम बनाया जा रहा है।
पन्ना के पहाडकोठी पर डायमण्ड म्यूजियम बनाए जाने की सोच कलेक्टर श्री मिश्र की है, जो अब आकार लेने लगी है। उन्होंने बताया कि यह एशिया महाद्वीप का पहला डायमण्ड म्यूजियम होगा। इस म्यूजियम को विश्व स्तरीय बनाने के लिए कलेक्टर श्री मिश्र द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रयास के इसी क्रम में कलेक्टर श्री मिश्र द्वारा आज हीरा उत्खनन परियोजना के कन्सल्टेंस संकेत कम्युनिकेशन दिल्ली की एक टीम के साथ बैठक आयोजित कर विचार विमर्श किया गया।
बैठक में संकेत कम्युनिकेशन दिल्ली द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में डिजाइन किए गए म्यूजियम, मंदिर एवं टेलीफिल्म आदि का प्रदर्शन कर जानकारी दी गयी। कलेक्टर श्री मिश्र ने मौके पर ले जाकर डायमण्ड म्यूजियम निर्माण कार्य में अब तक हुई प्रगति की जानकारी देने के साथ उन्होंने बताया कि इस म्यूजियम में हीरे के उत्खनन से लेकर तरासने तक के पुराने औजारों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। हीरे की उथली खदानों के साथ एनएमडीसी द्वारा किए जा रहे उत्खनन कार्य को भी दिखाया जाएगा।
म्यूजियम को पूर्णतः स्वचलित बनाए जाने की योजना है। म्यूजियम में प्रवेश के लिए पोस्टकार्ड साइज का प्रवेश टिकट रखा जाएगा। जिसके ऊपर हीरे का फोटो प्रिंट होगा। संकेत कम्युनिकेशन के दल द्वारा मौके पर डायमण्ड म्यूजियम के निर्माण कार्य का अवलोकन किया। कलेक्टर श्री मिश्र ने बताया कि म्यूजियम के सामने एक पन्ना व्यू-प्वाइंट बनाया जाएगा, जिससे लोग आसानी से पन्ना नगर का नजारा देख सके। उन्होंने बताया कि म्यूजियम के पीछे पहाडी को विकसित करने की योजना है। धरम सागर तालाब की ओर से पहाडी पर जाने के लिए रोडवे बनाया जाएगा। इसके अलावा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इस पूरे क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।