गृह प्रदेश मे दलित उत्पीड़न की वीभत्स घटनायें, क्यों चुप हैं राष्ट्रपति ?
February 25, 2018
लखनऊ, उत्तर प्रदेश मे पिछले दिनों दलित उत्पीड़न की कुछ घटनाओं ने समूचे देश को हिलाकर रख दिया। लेकिन उसके बावजूद एक अजीब सी खामोशी छायी हुयी है, जैसे कुछ असामान्य हुआ ही नही। इन घटनाओं पर दलितों के नाम पर सत्ता और पद हासिल करने वालों की खामोशी सबसे ज्यादा विचलित कर रही है।
सबसे ताज्जुब की बात है कि ये वही प्रदेश है जहां का एक नागरिक आज देश के सर्वोच्च पद पर बैठा है और उससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात की वह व्यक्ति उसी दलित समाज से आता है जिस पर लगातार अत्याचार हो रहें हैं और वह खामोश हैं। दलित लड़की को जिंदा जला दिये जाने की घटना तो देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के घर से मात्र 50 किमी दूर की भी नही है।
इस साल के शुरूआत मे ही मुजफ्फरनगर में देवी-देवताओं का पोस्टर फाड़ने का आरोप लगाते हुए एक दलित युवक की बर्बरतापूर्वक पिटाई की। सूत्रों के अनुसा , 16 जनवरी को हिंदू संगठन के युवकों ने दलित युवक को बेरहमी से पीटा, ‘जय माता दी’ के नारे लगवाये और गालियां दीं। भीड़ की बर्बरता का शिकार हुए युवक का नाम विपिन कुमार है। वीडियो में युवक को बेरहमी से पीटा जा रहा है और वह माफ़ी की गुहार लगा रहा है, लेकिन दबंग उस पर लगातार डंडे बरसा रहें हैं। दलितों के उत्थान के लिये प्रतिबद्ध योगी सरकार मे हाल ये कि मारने के बाद हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों ने युवक के खिलाफ देवी-देवताओं का अपमान करने की एफआईआर दर्ज कराई और उसके बाद विपिन और उसके साथी जेल भेज दिए गए।
वहीं, इलाहाबाद मे कानून की पढ़ाई कर रहे 26 वर्ष के छात्र दिलीप सरोज की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी जाती है, क्योंकि रेस्टोरेंट में आते-जाते हुए दिलीप का पैर एक ऊंची जाति के लड़के को लग गया । वीडियो में साफ दिखा कि दबंगों ने सरेआम दलित छात्र को ईंट, पत्थरों और लोहे के रॉड से पीट-पीट कर अधमरा कर दिया। यहां तक कि दबंग अचेतावस्था में पड़े दिलीप सरोज पर वार करते रहे। लेकिन घंटों पुलिस का कोई अता-पता नही चला। 9 फरवरी की रात घटी इस सनसनीखेज घटना का सीसीटीवी वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तब सरकार जागी।
उसके बाद दूसरी सनसनीखेज घटना राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के गृह जनपद के पड़ोसी जिले उन्नाव में घटी। यहां दबंगों ने धोबी समाज की एक 19 वर्षीय लड़की को जिंदा जला दिया। बारासगवर थाना क्षेत्र के सथनीबाला खेड़ा गांव की रहने वाली पीड़िता सब्जी खरीदने के लिए साइकिल से बाजार जाने के लिए निकली थी। दबंग लड़की को रोक कर खेतों की ओर खींच ले गए और पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया।
एेसा नही है कि दलित उत्पीड़न की घटनाये केवल यूपी मे हो रहीं हैं। कई राज्यों मे इस तरह की घटनायें हो रहीं हैं जिनमें गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि राज्य आये दिन चर्चा मे रहतें हैं। लेकिन पिछले एक महीने मे यूपी मे जिस तरह से दलित उत्पीड़न की घटनाये घटी वह चिंता का विषय है। यह घटनाएं बताती हैं कि सरकारों की तरफ से बड़े-बड़े वादे किए जाने के बावजूद समाज के सबसे दबे कुचले समाज के लिए कुछ नहीं किया जा रहा, बल्कि उलटे उनके खिलाफ नफरत की भावनाएं ही फैलाई जा रही हैं। दलितों के घर खाना खाने या दलित राष्ट्रपति बना देने का अगर दलित समाज को यह मूल्य चुकाना पड़े तो लानत है।