आज से लागू हुई ये पॉलिसी, इन कारोबारियों को मिली बड़ी राहत..
February 1, 2019
नई दिल्ली, सरकार ने E-Commerce कंपनियों में FDI को लेकर राहत देने से इनकार कर दिया. इससे अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. सरकार ने साफ कर दिया है कि इन ई-कॉमर्स कंपनियों को विदेशी निवेश के नियमों का पालन करना ही होगा. सरकार ने पिछले महीने ई-कॉमर्स में विदेशी निवेश के नियमों पर सफाई जारी की थी. सफाई में कहा था कि विदेशी निवेश लेने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म यानि वेबसाइट पर अपनी ही ग्रुप की कंपनियों या सहयोगी कंपनियों के सामान बेचने की इजाजत नहीं होगी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश 1 फरवरी से लागू हो जाएगा. इस नए नियम के तहत अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन रिटेल कंपनियां उन फर्म के उत्पाद को अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच सकेंगी, जिसमें उनकी हिस्सेदारी होगी. यानी ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों को सिर्फ वही प्रोडक्ट बेच सकेंगी, जिसमें उनकी किसी भी तरह की भूमिका न हो. इसके साथ ही ऑनलाइन कंपनियों के किसी भी प्रोडक्ट को एक्सक्लूसिव तरीके से बेचने पर भी पाबंदी होगी.
आसान भाषा में समझें तो ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनियों के मोबाइल या दूसरे प्रोडक्ट की एक्सक्लूसिव सेल का फायदा आपको नहीं मिल सकेगा. वहीं इस नए नियम के लागू होने के बाद ऑनलाइन रिटेल कंपनियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रोडक्ट और सर्विसेज की कीमतों को प्रभावित नहीं कर सकती हैं. इसके अलावा इन कंपनियों को अपने प्लेटफार्म पर लेबल प्लेइंग फील्ड (हर किसी को उचित मौका देना) बरकरार रखना होगा. यही नहीं, ऑनलाइन रिटेलर्स को हर साल 30 सितंबर तक रिजर्व बैंक के पास ऑडिटर का सर्टिफिकेट जमा करना होगा. इस सर्टिफिकेट में बताना होगा कि कंपनी ने सभी नियमों का पालन किया है.
ई-कॉमर्स कंपनियों पर सख्ती की वजह ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं द्वारा की गई शिकायतें हैं. खुदरा विक्रेताओं का आरोप है कि ऑनलाइन रिटेलर भारी छूट दे रहे हैं, जिससे उनके कारोबार को नुकसान पहुंच रहा है. इन शिकायतों के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने यह फैसला लिया है.