नयी दिल्ली , राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी के बढते प्रकोप से निपटने के उपायों के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में संक्रमण के प्रसार पर काबू पाने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के साथ आज यहां बैठक की और रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के इस्तेमाल और मरीजों को जल्द अस्पताल में भर्ती करने पर जोर दिया।
बैठक में एनसीआर में कोविड-19 के प्रबंधन और इस महामारी से निपटने की एक साझा रणनीति पर विचार किया गया । उन्होंने एनसीआर में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग का उपयोग कर संक्रमण फैलने की दर कम करने और मरीजों को जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश और हरियाणा को आवश्यकतानुसार रैपिड एंटीजन टेस्ट किट उपलब्ध करा सकती है।
श्री शाह ने कहा कि अधिक से अधिक टेस्टिंग कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकेगी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार संक्रमण की दर को दस प्रतिशत से कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आने वाले लोगों की संख्या जितनी कम होगी, संक्रमण का फैलाव उतना ही कम होगा। नये रैपिड एंटीजन टेस्ट से करीब नब्बे प्रतिशत स्क्रीनिंग हो जाती है और इसकी किट को पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराया जा सकता है।
गृह मंत्री ने मृत्यु दर को कम करने के लिये मरीजों को जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती कराने पर जोर देते हुए कहा कि मानवता कि दॄष्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम गरीब से गरीब व्यक्ति की जान बचा सकें।
उन्होंने एनसीआर में कोरोना संक्रमण की मैपिंग में आरोग्य सेतु और इतिहास एप की मदद लेने को कहा। उत्तर प्रदेश और हरियाणा से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा कोविड मरीजों को टेलीमेडिसिन के जरिये सलाह देने की सुविधा का लाभ उठाने को भी कहा गया। उन्होने कहा कि दोनों राज्यों के छोटे अस्पतालों के डाक्टर एम्स के विशेषज्ञों से टेली वीडियोग्राफी के माध्यम से सलाह ले सकते हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पाल ने एनसीआर में कोविड से निपटने की रणनीति पर एक प्रजेंटेशन भी दिया। इसमें उन्होने दिल्ली-एनसीआर में अब तक अपनाई गई श्रेष्ठ नीतियों और आगे की रणनीति पर जानकारी दी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र सरकार व उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।