नयी दिल्ली, परीक्षाओं के परिणाम की घोषणा के इस मौसम में छात्र-छात्राओं को सफलता-विफलता की चिंता और तनाव से मुक्त रखने में मदद के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) उन्हें सोमवार से सोसल मीडिया और फोन पर परामर्श और मार्गदर्शन का एक मंच उपलब्ध कराने जा रहा है ।
इस पहल के तहत बच्चों को विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने में समर्थ बनाने के लिए सोमवार को 11 अप्रैल से लेकर 31 मई तक एनसीपीसीआर के फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और दूरदर्शन नेशनल एवं न्यू इंडिया जंक्शन के यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे।
एनसीपीसीआर इसके अलावा संवेदना-(1800-121-2830) कोविड से संबंधित तनाव से निपटने के लिए प्रशिक्षित परामर्शदाताओं द्वारा चलाई जाने वाली की एक टोल-फ्री टेली परामर्श सेवा चलाता है। आयोग ने कहा है कि अब इस परामर्श सेवा का विस्तार अब छात्रों के लिए परीक्षा तथा परिणाम संबंधी प्रश्नों, तनाव और चिंता से निपटने के उद्देश्य से किया जाएगा।
बाल एवं महिला विकास मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “परीक्षा पे चर्चा” कार्यक्रम से प्रेरणा लेते हुए और परीक्षाओं को एक आनंददायक गतिविधि बनाने की दिशा में अपने प्रयास को जारी रखते हुए, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) यह सेवा शुरू की है।
एनसीपीसीआर 2019 से अपने अभियान ‘परीक्षा पर्व’ के साथ परीक्षा का जश्न मना रहा है। इसका उद्देश्य एक मंच पर परीक्षा के कारण होने वाले तनाव के प्रति बच्चों के दृष्टिकोण में बदलाव लाना और परीक्षा परिणाम से पहले उनकी चिंता को दूर करना है।
मंत्रालय ने कहा है कि परीक्षा पर्व 4.0 छात्रों, अभिभावकों एवं शिक्षकों को अपने विचार साझा करने और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन एवं महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त करने के लिए मंच प्रदान करने का एक प्रयास है। इससे तनावपूर्ण समय में, असहज एवं भ्रमित करने वाले विचारों के बारे में बात करने और उन्हें साझा करने से छात्रों के तनाव एवं चिंता को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी।