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इस साइट का एक बार फिर से हुआ अवलोकन

 

हिसार,  डेक्कन यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. वसंत शिंदे फरवरी माह में राखीगढ़ी गांव आएंगे और साइट का एक बार फिर अवलोकन करेंगे। 

हरियाणा के हिसार जिले में नारनौंद स्थित लगभग पांच हजार साल पुरानी विश्व की सबसे बड़ी हड़प्पाकालीन साइट राखीगढ़ी में जल्द ही फिर से खुदाई का काम शुरू होगा।
डेक्कन यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. वसंत शिंदे फरवरी माह में राखीगढ़ी गांव आएंगे और साइट का एक बार फिर अवलोकन करेंगे। साइट में किस टीले से फिर खुदाई शुरू की जाए उसके बारे में जानकारी जुटाएंगे। इसके बाद अपनी टीम को बुलाकर फिर यहां खुदाई का काम शुरू करेंगे। पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार राखी गढ़ी गांव में हड़प्पाकालीन सभ्यता 900 एकड़ भूमि में फैली हुई है।
श्री शिंदे ने कहा कि वह फरवरी में राखीगढ़ी आ रहे हैं और साईट पर फिर से खुदाई शुरू करेंगे। इसके लिए साइट का अवलोकन किया जाएगा। उसके बाद कहां से और कब खुदाई शुरू करनी है इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान हजारों साल पुराने नर कंकाल मिल चुके हैं जिनकी डीएनए रिपोर्ट से पता चल चुका है कि आर्य यहीं के मूल निवासी थे। वे बाहर से आकर हिंदुस्तान में नहीं बसे थे। खुदाई के दौरान बर्तन भी मिले थे। इन बर्तनों की जांच की गई तो पता चला कि हड़प्पा संस्कृति के लोग खाने में बड़े ही रोचक व्यंजनों का प्रयोग करते थे। वे खट्टी दाल तो विशेष रूप से पसंद करते थे, वहीं शहद और केले से बने मीठे चावल भी उनके भोजन में शामिल थे।
उन्होंने बताया कि राखीगढ़ी में महज एक फीसदी जमीन पर ही खुदाई हुई है। वर्ष 1997 में इस सभ्यता का पहली बार पता चला और इन टीलों पर खुदाई शुरू की तो अनेक चौंकाने वाले रहस्य दुनिया के सामने आते गए। अब सरकार इस गांव को राष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने जा रही है। राखीगढ़ी में राज्य सरकार की ओर से संग्रहालय भी बनाया जा रहा है जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।