कोटा शहर में फंसे उत्तर प्रदेश के हजारों छात्र घरों के लिये रवाना
April 18, 2020
जयपुर , राजस्थान के कोटा शहर में पढ़ाई कर रहे उत्तर प्रदेश के करीब साढ़े सात हजार छात्रों को उनके घर भेजने के लिए रवाना कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के चलते लाकडाउन में कोटा शहर में फंसे उत्तर प्रदेश के इन छात्रों को करीब 250 बसों के जरिए दो चरणों में रवाना किया गया। इन छात्रों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश ने ये बसें भिजवाई और शुक्रवार रात को 100 बसों में करीब तीन हजार छात्रों को उत्तर प्रदेश रवाना किया गया।
इसके बाद शनिवार को 152 बसों में करीब साढ़े चार हजार छात्रों को उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया गया। प्रत्येक बस में तीस छात्रों को ले जाया गया। इन छात्रों को रवाना करने से पहले उनकी स्क्रीनिंग की गई तथा सभी बसों को सेनेटाइज किया गया। कछ छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस बारे में केन्द्र सरकार से बात की थी और इसके बाद उत्तर प्रदेश ने बसें भेजी और हमने छात्रों को भेज दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, असम, पश्चिम बंगाल एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात की है कि वहां रह रहे प्रवासी राजस्थानियों को कोई तकलीफ़ नहीं हो , उनके खाने पीने की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि उन्हें लाने के लिए केन्द्र सरकार से बातचीत के बाद ही कोई काम किया जा सकता है।
इन छात्रों को करीब 250 बसों के जरिए दो चरणों में रवाना किया गया। इन छात्रों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश ने ये बसें भिजवाई और शुक्रवार रात को 100 बसों में करीब तीन हजार छात्रों को उत्तर प्रदेश रवाना किया गया। इसके बाद शनिवार को 152 बसों में करीब साढ़े चार हजार छात्रों को उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया गया। प्रत्येक बस में तीस छात्रों को ले जाया गया। इन छात्रों को रवाना करने से पहले उनकी स्क्रीनिंग की गई तथा सभी बसों को सेनेटाइज किया गया। कछ छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस बारे में केन्द्र सरकार से बात की थी और इसके बाद उत्तर प्रदेश ने बसें भेजी और हमने छात्रों को भेज दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, असम, पश्चिम बंगाल एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात की है कि वहां रह रहे प्रवासी राजस्थानियों को कोई तकलीफ़ नहीं हो , उनके खाने पीने की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि उन्हें लाने के लिए केन्द्र सरकार से बातचीत के बाद ही कोई काम किया जा सकता है।