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आस्था के महापर्व छठ का तीसरा दिन आज, डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी महिलाएं

पटना, लोक आस्था का महापर्व छठ, जो प्रकृति का पर्व है। यह पर्व मुख्यतः बिहार और उत्तरप्रदेश में प्रचलित था लेकिन आज यह पर्व बिहार-यूपी के अलावा विभिन्न राज्यों के साथ ही विदेशों में भी मनाया जाने लगा है। ।छठ को लेकर राजधानी पटना समेत पूरे बिहार के घर-घर में छठ के गीत गूंजने लगे हैं।

“ केलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राय, आदित लिहो मोर अरगिया., दरस देखाव ए दीनानाथ., उगी है सुरुजदेव., हे छठी मइया तोहर महिमा अपार., कांच ही बास के बहंगिया बहंगी लचकत जाय ….. , गीत सुनने को मिल रहे हैं।राजधानी पटना के लोग आज अस्ताचल सूर्य को अर्ध्य देंगे जिसके लिये जहां साफ-सफाई से लेकर सुरक्षा और अन्य तैयारियां पूरी कर ली गयी है वहीं छठ व्रतियों में उत्साह और रौनक देखते ही बन रही है ।

छठ की छटा आजपूरी राजधानी में छाई हुयी है। घर से लेकर घाट तक, गलियों से लेकर सड़कों तक… हर तरफ आकर्षक सजावट दिख रही है। पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है।पटना में गंगा घाटों पर छठ पूजा करने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कई सुविधाएं मुहैया करायी गयीं हैं। सूर्योपासना के इस महापर्व को लेकर हर तरफ स्वच्छता और शुचिता का ध्यान रखा जा रहा है।

छठ महापर्व पर आज दोपहर 12 बजे से शहर की यातायात व्यवस्था बदली रहेगी। तीन नवंबर की सुबह आठ बजे तक शहर में छोटे—बड़े मालवाहक वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी है। वहीं, गांधी सेतु पर वाहनों का परिचालन पहले की तरह जारी रहेगा। न्यू बाईपास, करमलीचक मोड़ से पटना सिटी की ओर जाने वाले सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी। कारगिल चौक से दीदारगंज के बीच कोई वाहन नहीं चलेंगे। घाटों के नजदीक बनी पार्किंग से व्रती पैदल जाएंगे।