राजकोट, गुजरात में राजकोट रेलवे अस्पताल के फार्मासिस्ट ने संक्रमण वाले क्षेत्रों को वायरस मुक्त करने के लिए अल्ट्रावायलेट (यूवी) कीटाणुशोधन टावर उपकरण बनाया है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रवीन्द्र श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि इस समय पूरा देश कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से जूझ रहा है। देश-दुनिया में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए वैज्ञानिक स्तर पर वैक्सीन, दवा और अन्य जरूरी उपकरण बनाने पर काम चल रहा है। इसी क्रम में राजकोट स्थित रेलवे अस्पताल के मुख्य फार्मासिस्ट परमानंद मीना ने सराहनीय कार्य करते हुए अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों को वायरस तथा कीटाणुओं से मुक्त करने के लिये एक अल्ट्रावायलेट कीटाणुशोधन टावर उपकरण बनाया है और इसी रेलवे अस्पताल में बुधवार से इसका उपयोग भी शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा बनाए गए उपकरण की तर्ज पर इसे बनाया गया है। यह मशीन 15 गुणा 15 के कमरे को 30 मिनट में विषाणु मुक्त करने की क्षमता रखता है। इसमें 36 वॉट की चार अल्ट्रावायलेट ट्यूब लाइट का इस्तेमाल किया गया है जिसे एक विशेष प्रकार के स्टैंड पर फिट गया है ताकि इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया सके। इस उपकरण का प्रयोग अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर, लैबोरेटरी, आई.सी.यू, आइसोलेशन वार्ड जैसी जगहों को कीटाणुमुक्त करने में किया जा सकता है जिन्हें रासायनिक विधियों से पूरी तरह कीटाणु मुक्त नहीं किया जा सकता है।
राजकोट रेलवे अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर वी शर्मा की प्रेरणा से परमानंद मीना ने यह उपकरण बनाया है जिससे रेलवे अस्पताल में कोरोना वायरस के अति संवेदनशील क्षेत्रों को कम समय में वायरस मुक्त किया जा सकता है।