लखनऊ ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मौजूदा केन्द्र और राज्य सरकार वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौती को अवसर में बदलने का कार्य कर रही है।
श्री याेगी ने सोमवार को कोविड-19 की जांच के लिए राजकीय एवं निजी मेडिकल काॅलेजों में नवस्थापित बीएसएल लैब तथा कोविड-19 एवं डेंगू के उपचार के लिए एफेरेसिस व केमिल्यूमिनिसेन्स फैसिलिटी का लोकार्पण एवं शुभारम्भ वर्चुअल माध्यम से किया। उन्होने कहा कि पिछले आठ महीने से पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही है।
प्रदेश सरकार ने बेहतर अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए एक कारगर रणनीति बनाई, जिससे बेहतर कोविड मैनेजमेंट की व्यवस्था हो पायी। प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने बेहतर अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर कोविड-19 की चुनौती का सामना करने के लिए कारगर रणनीति बनाई, जिसकी सराहना डब्ल्यूएचओ ने की। पिछली 23 मार्च को प्रदेश की कोविड-19 टेस्टिंग क्षमता मात्र 72 थी जो आज बढ़कर प्रतिदिन 01 लाख 75 हजार टेस्ट तक पहुंच गयी है।
अब तक प्रदेश में एक करोड़ 80 लाख लोगों के कोरोना टेस्ट किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए बेहतर सुविधा देने के दृष्टिगत 1.75 लाख से अधिक कोविड बेड स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ अभियान के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा आज यह नई व्यवस्था प्रारम्भ की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के प्रसार को रोकने में काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग व सर्विलान्स सिस्टम एक महत्वपूर्ण कड़ी है। कोरोना काल खण्ड में भी प्रदेश सरकार ने विकास की गति को सतत बनाये रखा है। पहले काफी लोग इन्सेफेलाइटिस से काल कवलित हो जाया करते थे। मौजूदा सरकार द्वारा चिकित्सा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ स्वच्छता व शुद्ध पेयजल के लिए किये गये कार्याें से इन आकड़ों में चमत्कारी परिवर्तन देखने को मिला है।
उन्होने कहा कि जब तक कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक सतर्कता और बचाव ही इसका उपचार है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर पूरे विश्व में शोध कार्य चल रहा है। देश में हो रहे शोधों से सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। प्लाज्मा थेरेपी के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। इसलिए इसे प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। इससे पूर्व, कोरोना प्लाज्मा दान पर केन्द्रित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी।