केंद्रीय मंत्री ने स्वीकारा, इन राज्यों में काफी कम मजदूरों को दिया गया मुफ्त अनाज

नयी दिल्ली , खाद्य आपूति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने स्वीकार किया कि प्रवासी मजदूरों के बीच मुफ्त अनाजों का वितरण अपेक्षा से काफी कम हुआ है ।

मंत्री राम विलास पासवान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि करोना वायरस के प्रकोप के कारण शहरों से पलायन करने वाले आठ करोड़ राशन कार्ड विहीन प्रवासी मजदूरों के बीच मुफ्त अनाज वितरण का लक्ष्य था और इसके लिए राज्यों ने 6.39 लाख टन अनाजों का उठाव किया था। प्रत्येक मजदूर को पांच किलो अनाज और एक किलो दाल दिया जाना था। केन्द्र ने इस योजना के लिए आठ लाख टन अनाज आवंटित करने का फैसला किया था। मई माह के दौरान दो करोड़ 24 लाख मजदूरों को तथा जून में दो करोड़ 25 लाख मजदूरों को ही अनाज दिया गया ।

देश में कोरोना वायरस प्रकोप को देखते हुए सरकार ने 25 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की घोषणा की थी। इसके तहत देश के 80 करोड़ से अधिक लाभुकों को प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज तथा प्रति परिवार एक किलो दाल दिया जाना था ।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कुछ राज्यों ने 50 प्रतिशत से कम अनाजों का वितरण किया है। इन राज्यों में असम, महाराष्ट्र , त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ, दिल्ली , मिजोरम , कर्नाटक, जम्मू कश्मीर , केरल , तेलंगना , आन्ध्र प्रदेश आदि शामिल हैं। इस योजना की घोषणा 14 मई को की गयी थी।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत भी कुछ राज्यों में पूरे अनाज का वितरण नहीं हुआ है ।