लखनऊ , पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम पहल करते हुये उत्तर प्रदेश ने रविवार को एक ही दिन में 25 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण का अनूठा कीर्तिमान बना दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के कुकरैल वन में पौधा रोप कर मिशन वृक्षारोपण 2020 का शुभारंभ किया जिसके बाद प्रदेश के 75 जिलों में वृहद स्तर पर यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने 25 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये लोगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि वन विभाग समेत इस कार्य में लगे 26 अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से यह लक्ष्य प्राप्त हो सका।
उन्होने पत्रकारों से कहा कि सरकार ने एक दिन में 25 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण कार्यक्रम कराकर इतिहास रचने का कार्य किया है। इस वृक्षारोपण कार्यक्रम पर 10 देशों के लोगों ने हिट किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुकरैल वन में पंचवटी, हरिशंकरी व नक्षत्र वाटिका की स्थापना एवं 51 प्रजातियों के 251 पौधों का रोपण किया। हर जिले में जन प्रतिनिधियों एवं विशिष्टजनों की उपस्थिति में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए।
श्री सिंह ने कहा कि औषधीय पौधों, फलों एवं सहजन जैसे वृक्षों के उत्पाद रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि एवं पोशक तत्वों की पूर्ति कर हमें कोविड-19 जैसे रोगों से लड़ने में सक्षम बनाते है। वनस्पति व वन्य प्राणि विविधता कोविड-19 व अन्य खतरनाक वायरस व हानिकारक बैक्टीरिया के जैविक नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वांहन करते है।
उन्होने कहा कि प्रदेशवासियों विशेषकर महिलाओं व बच्चों में कुपोषण की समस्या देखते हुए ‘वृक्षारोपण मिशन 2020’ के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम के आवास के परिसर में सहजन का एक पौधा रोपित किया गया। पौधशालाओं एवं वृक्षारोपण में पौधों को पोषक तत्व देने के लिए जीवामृत का निर्माण पौधशालाओं में किया जा रहा है। जीवामृत/ कम्पोस्ट का उपयोग समस्त पौधशालाओं में बडे पैमाने पर किया गया।
श्री सिंह ने कहा कि वृहद् स्तर पर अभियान चलाकर 25 करोड़ पौधों के रोपण के लिये प्रदेश में गाँव-गाँव तक जाकर 57903 माइक्रोप्लान तैयार किये गये जिसके अनुसार माँग के अनुरूप प्रजातिवार यथा- सहजन, सागौन, शीशम, फाइकस, कंजी, अर्जुन, खैर, फलदार तथा अन्य प्रजातियों के पौधे पौधशालाओं में तैयार किये गये। मानव जीवन के स्वास्थ्य, आजीविका, प्रतिरोधक क्षमता एवं जीवन बनाए व बचाए रखने में जैवविविधता की महत्वपूर्ण भूमिका के दृष्टिगत सम्पूर्ण विश्व जीवन के विविध रूपों को बनाए व बचाए रखने के लिये प्रयासरत है।