लखनऊ, जीवन के लिये कड़ा संघर्ष कर रही उन्नाव की बलात्कार पीड़िता को सोमवार शाम एयर एबुंलेंस से दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) के लिये रवाना कर दिया गया।
रायबरेली के गुरूबख्शगंज क्षेत्र में पिछली 28 जुलाई को सडक हादसे में घायल पीडिता का उपचार लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी (केजीएमयू) अस्पताल में किया जा रहा था। पीडिता को वेंटिलेटर पर रखा गया था। हालत में विशेष सुधार न होता देख उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार पीडिता को ग्रीन कारिडोर बनाकर एयर एबुंलेस से दिल्ली भेजा गया।
ट्रामा सेंटर से अमौसी हवाई अड्डे के बीच के करीब 30 किमी के रास्ते को सुगम बनाने के लिये सीआरपीएफ जवानों के साथ स्थानीय पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था। इस दौरान हर चौराहे पर एबुंलेंस को रास्ता देने के लिये यातायात पुलिस के जवान एक दूसरे से वायरलेस से संपर्क बनाये हुये थे। एंबुलेंस के आगे ट्रैफिक पुलिस की इंटरशेप्टर चल रही थी। केजीएमयू के प्रवक्ता डा संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता की हालत में मामूली सुधार नजर आया है।
हादसे के बाद लगातार बेहोशी की अवस्था में रही पीडिता ने कुछ देर के लिये आंखे खोली। पीड़िता को हाल में ही निमोनिया ने जकड़ लिया था। इसके चलते उसे बार-बार बुखार भी आ रहा था। वकील के बाद अब पीड़िता को भी वेंटिलेटर से हटाया जाएगा। उन्होने बताया कि पीडिता के वकील को भी दिल्ली एम्स भेजा जायेगा। वकील को वेंटिलेटर से हटा लिया गया है हालांकि अभी उनकी मुर्छा नही टूटी है।