लखनऊ, लोकसभा चुनाव समाप्त हो चुका हैं , लेकिन उत्तर प्रदेश में चुनावी मौसम अभी खत्म नहीं हुआ है। क्योंकि राज्य मे अब 11 सीटों पर उपचुनाव होंगे।
यूपी मे, 11 विधायक लोकसभा चुनाव जीते हैं, जिसकी वजह से उन्हे अपनी विधानसभा सीटों से इस्तीफा देना होगा। जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 151 के प्रावधान के मुताबिक विधानसभा या लोकसभा की रिक्त सीट पर छह महीने में उप-चुनाव हो जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में 11 विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के बाद अब उनकी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा। लोकसभा चुनाव में, कुल 13 विधायक प्रत्याशी थे, जिनमें से 11 चुनाव जीत गये।
इन विधायकों में नौ भारतीय जनता पार्टी के, दो समाजवादी पार्टी के और एक-एक बहुजन समाज पार्टी एवं अपना दल के हैं। बीजेपी के नौ विधायकों में से चार मंत्री हैं।चार मंत्रियों में से तीन ने चुनाव जीता। अंबेडकर नगर से मुकुट बिहारी वर्मा चुनाव हार गये। चुनाव जीतने वाले प्रदेश के मंत्री इलाहाबाद से रीता बहुगुणा जोशी, कानपुर से सत्यदेव पचौरी और आगरा से एस पी सिंह बघेल हैं।
जीते हुये बीजेपी विधायकों में आर के सिंह पटेल बांदा लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं और वह मानिकपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। इगलास से बीजेपी विधायक राजवीर दिलेर हाथरस लोकसभा सीट से विजयी हुए हैं जबकि जैदपुर से बीजेपी विधायक उपेन्द्र रावत बाराबंकी लोकसभा सीट जीते हैं।
वहीं, गंगोह से बीजेपी विधायक प्रदीप चौधरी कैराना लोकसभा सीट जीते हैं, जबकि बलहा से विधायक अक्षयवर लाल गौड बहराइच लोकसभा सीट जीते।