लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत के लिये नयी आरक्षण नीति बृहस्पतिवार को जारी कर दी। नयी नीति के तहत पंचायत चुनाव में रोटेशन आरक्षण लागू किया है । एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने नयी नीति के तहत पंचायत चुनाव में रोटेशन आरक्षण व्यवस्था को लागू किया है और आरक्षण नीति में 1995 से 2015 में हुए आरक्षण को संज्ञान में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला क्रम में पिछले चुनावों को देखते हुए आरक्षण लागू किया जाएगा और जो पद पहले कभी आरक्षित नहीं हुए, उनको वरीयता दी जाएगी। चुनाव में शैक्षणिक योग्यता आड़े नहीं आयेगी।
सिंह ने बताया कि 826 विकास खण्डों में जिलेवार किस श्रेणी में आरक्षण होगा, यह राज्य स्तर पर जारी किया जाएगा। साथ ही जिला पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी होगी। आगामी दो से तीन मार्च के बीच प्रधानों, ग्राम पंचायत, क्षेत्र तथा जिला पंचायत के आरक्षित प्रादेशिक आरक्षण निर्वाचन क्षेत्र के आवंटन की प्रस्तावित सूची का जिलाधिकारी द्वारा प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद चार मार्च से लेकर आठ मार्च तक लिखित आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। फिर 10 से 12 मार्च के बीच आई हुई आपत्तियों का निस्तारण करते हुए अंतिम सूची तैयार की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वार्ड सदस्यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों एवं उनके सदस्यों की सीटों का निर्धारण किया जा चुका है। पंचायत चुनाव में 2015 में जो आरक्षण की स्थिति थी, वह इस चुनाव में नहीं होगी। जो पद अनुसूचित जाति या फिर अनुसूचित जातियों की महिलाओं के लिए हैं, वे इस बार अनारक्षित तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक अनारक्षित रहा जिला पंचायत अध्यक्ष का कोई पद अब आरक्षित हो सकता है। इसी तरह कोई ऐसा पद जो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुआ है, वह इस वर्ग के लिए आरक्षित होगा।
सिंह ने बताया कि प्रदेश के 826 विकास खण्डों और 58194 ग्राम पंचायतों का गठन किया जा चुका है।