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दिव्यांगों के ऐतिहासिक महाकुंभ में बने गिनीज बुक के इतने विश्व रिकॉर्ड

प्रयागराज,  दिव्यांगों के ऐतिहासिक महाकुंभ में  आज  गिनीज बुक के की विश्व रिकॉर्ड बने। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाक्टर थावर चंद गहलोत ने दावा किया है कि दिव्यांगों के इस ऐतिहासिक महाकुंभ में गिनीज बुक के तीन विश्व रिकॉर्ड बने हैं।

श्री गहोलत ने शनिवार को यहां दिव्यांग और बुजुर्गो के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि परेड मैदान में आयोजित सामाजिक अधिकारिता शिविर में गिनीज बुक के तीन विश्व रिकॉर्ड बने हैं। उन्होंने कहा कि पहला रिकार्ड हाथ से चलने वाली 300 ट्राइसाइकिल को 1.8 किलोमीटर चलाकर बनाया गया है। दूसरा रिकार्ड हाथ से चलने वाली 626 ट्राइसाइकिल को एक घंटे में निःशुल्क वितरित कर बनाया गया है और तीसरा रिकार्ड 13 मिनट में 420 व्हीलचेयर्स को तीन पंक्तियों में चलाने का बना है।

उन्होने बताया कि आज से पहले इस सरकार ने 8500 से अधिक शिविर लगाकर 15 लाख से अधिक लोगों को उनकी जरूरत के मुताबिक उपकरण वितरित किए हैं। इस महाकुंभ में 26,874 लोगों को 56,000 से अधिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिनकी लागत 19 करोड़ रुपये से अधिक है।

मंत्री ने कहा कि दिव्यांगों के लिए पहले परिचय पत्र जिला स्तर पर बनते थे जो दूसरे जिलों में मान्य नहीं होते थे। सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर युनिवर्सल आई कार्ड बनाने का निर्णय किया है। देश के 34 राज्यों में लगभग 25 लाख से अधिक युनिवर्सल आई कार्ड बनाकर दे दिए गए हैं।
श्री गहलोत ने कहा कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस मंत्रालय ने सात गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाए हैं। इन पांच सालों में ये रिकार्ड बने हैं। इससे पहले इस प्रकार का कोई रिकार्ड नहीं था। सामाजिक अधिकारिता शिविर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को इन तीन विश्व रिकार्ड के प्रमाण पत्र सौंपे। इस अवसर पर गिनीज बुक के अधिकारी भी मौजूद थे।