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यूपी सरकार ने संजीत यादव किडनैपिंग-मर्डर केस में लिया ये बड़ा फैसला

कानपुर, उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के लैब टेक्निशियन संजीत यादव की किडनैपिंग और हत्या की सीबीआई जांच करवाने का फैसला किया है।

राज्य सरकार सीबीआई से इस जांच की सिफारिश करने जा रही है। संजीत यादव कानपुर के बर्रा इलाके के रहने वाले थे। कुछ दिन पहले बदमाशों ने उन्हें किडनैप कर उनकी हत्या कर दी थी।

इस मामले में संजीत यादव के परिवार वालों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस विभाग ने एसपी अपर्णा, एसओ रंजीत राय सहित 6 पुलिसकर्मियों को उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए सस्पेंड कर दिया है।

22 जून की रात लैब टेक्नीशियन संजीत यादव नौबस्ता स्थित हॉस्पिटल से बर्रा पटेल चौक के पास स्थित पैथालॉजी में सैंपल देने के लिए निकला था। सैंपल देकर उसे घर जाना था लेकिन रास्ते से लापता हो गया। पिता चमनलाल यादव ने बेटे के अपहरण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। 13 जुलाई को पिता ने पुलिस के कहने पर फिरौती के 30 लाख रुपए से भरा बैग भी अपहर्ताओं के कहने पर गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया था। इसके बावजूद अपहृत बेटा नहीं मिला। और पैसा भी अपहरमकर्ता ले गये। 

पूरे मामले में पुलिस पूरी तरह फेल नजर आई। वहीं 30 लाख की फिरौती दिलाने मे भी पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है। अपहरणकर्ताओं ने 29 जून से 13 जुलाई तक परिजनों को कुल 26 बार फोन किया इस दौरान न तो उनकी कॉल ट्रेस की जा सकी और न ही उनकी लोकेशन मिली।