फर्जी एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस को मिली क्लीन चिट
December 1, 2018
गाजियाबाद,डबल एनकाउंटर करने के आरोपित रिटायर्ड एसओ आरएस रावत समेत छह पुलिसकर्मियों को कोर्ट ने सुनवाई के बाद बरी कर दिया. करीब 23 साल पहले खुर्जा देहात पुलिस ने यह एनकाउंटर किया था.
मुठभेड़ में मारे गए दोनों बदमाशों का लंबा आपराधिक इतिहास इनके बरी होने में अहम रहा. 1995 में खुर्जा देहात थाने की पुलिस ने दो लुटेरे राजकुमार उर्फ लाला और देंवेंद्र को एनकाउंटर में मार गिराया था. इस मामले में परिजनों ने मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए सीबीआई जांच की अर्जी हाईकोर्ट में दी थी.
इस पर हाईकोर्ट ने साल 1997 में मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए. आरोप पत्र में सीबीआई ने राजकुमार उर्फ लाला और देंवेंद्र को साजिश के तहत एक ढाबे के पास से उठाकर देर रात अच्छेजा नहर के पास कथित मुठभेड़ में मार गिरने की बात दर्ज की. साल 1999 में सीबीआई ने आरोप पत्र पेश किया. इसमें सीबीआई ने तत्कालीन थाना प्रभारी आरएस रावत, कांस्टेबल जगवीर, राजबहादुर, नफीसुद्दीन, मुन्नालाल व भुवनेश्वर को आरोपित किया.
अधिवक्ता सुभाष सक्सेना ने बताया कि खुर्जा देहात पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मारे गए दोनों बदमाशों का लंबा आपराधिक इतिहास था. यही लंबा आपराधिक इतिहास व 16 लोगों की गवाही आरोपित पुलिसकर्मियों को दोष मुक्त कराने में अहम कड़ी साबित हुई. इनके खिलाफ लूट, डकैती, जानलेवा हमला के दर्जन भर से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे. वहीं कई मामलों में अदालत इन्हें सजा सुना चुकी थी.