जनरल रावत ने एक समारोह में कहा कि लद्दाख में काेई घुसपैठ नहीं हुई है। उन्हाेंने कहाकि चीनी अपनी धारणा के अनुसार जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा मानते हैं, वहां तक आकर गश्त करते हैं और हम उन्हें रोकते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर अक्सर जश्न समारोह होते रहते हैं। डेमचोक सेक्टर में हमारी ओर तिब्बती जश्न मना रहे थे। इसके आधार परए कुछ चीनी सैनिक यह देखने चले आए कि क्या हो रहा हैए हमारे कहने पर वह लौट गये लेकिन कोई घुसपैठ नहीं हुई। सब सामान्य है।
सेना प्रमुख का यह बयान इन रिपोर्टों के बीच आया है कि छह जुलाई को डेमचोक क्षेत्र में तिब्बतियों द्वारा उनके आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा के जन्मदिवस के मौके पर तिब्बती झंडे फहराए जाने पर चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा ;एलएसीद्ध पार की थी और भारतीय भूभाग में पांच किलोमीटर अंदर तक आ गए थे। उन्होंने तिब्बती शरणार्थियों द्वारा झंडा फहराए जाने का विरोध किया।
रिपोर्ट में लद्दाख के अधिकारियों के अनुसार कहा गया था कि तिब्बती शरणार्थी दलाई लामा का 84 वां जन्मदिन मना रहे थे। भारतीय सेना के जवान भी वहां मौजूद थे। उन्होंने चीनी सैनिकों को रोक दिया था। बाद में भारतीय अधिकारियों के समझाने पर कुछ समय बाद चीनी सैनिक लौट गए थे।