कारगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरे होने पर बोले , थल सेना प्रमुख
July 13, 2019
नयी दिल्ली, थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान के हर दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और किसी भी आतंकवादी गतिविधि को बख्शा नहीं जाएगा। करगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में रावत ने कहा कि पाकिस्तानी सेना बार-बार दुस्साहस करती है, चाहे वह (पाकिस्तानी) सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकवाद हो, या भारत में घुसपैठ करना हो।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सेना मजबूती से खड़ी है और अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए तैयार है। इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि हर दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।’’ रावत ने कहा कि उरी आतंकी हमले के बाद (सीमा पार) की गयी सर्जिकल स्ट्राइक और (पुलवामा आतंकी हमले के बाद) बालाकोट में किये गए भारतीय वायुसेना के एयरस्ट्राइक ने आतंकवाद के खिलाफ हमारी दृढ़ता को बखूबी प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी आतंकवादी हरकत को बख्शा नहीं जाएगा।’’
सेना प्रमुख ने इस बात का जिक्र किया कि देश पूरी तरह से (सैन्य साजो सामान के) आयात पर निर्भर नहीं रह सकता और उन्होंने ‘‘क्रिटिकल टेक्नोलॉजी’’ के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। गौरतलब है कि यह प्रौद्योगिकी (क्रिटिकल टेक्नोलॉजी) किसी देश की सैन्य क्षमता में अहम योगदान कर सकने वाले किसी वस्तु या सेवा के रखरखाव या डिजाइन, विकास, उत्पादन, ऑपरेशन के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार के नियंत्रण के बाहर के तत्वों के उदय तथा आतंकवाद और युद्ध के गैरपरंपरागत तरीकों के इस्तेमाल की तैयारी एक नया चलन बन गया है।
सेना प्रमुख ने कहा कि साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र के जुड़ने से युद्ध के मैदान का परिदृश्य बदल गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को इस बदली हुई युद्ध शैली को लेकर भविष्य के संघर्ष के लिए अवश्य ही तैयार रहना चाहिए। रावत ने कहा कि सशस्त्र बलों को अंतरिक्ष के क्षेत्र में तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी और इसके सैन्यीकरण तथा भविष्य के युद्ध में अंतरिक्ष क्षमताओं के बढ़ते समन्वय के बारे में सावधान रहने की जरूरत है। रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी, रक्षा साइबर एजेंसी और स्पेशल ऑपरेशन डिविजन बनाने के बारे में उन्होंने कहा कि यह सशस्त्र बलों को आपस में जोड़ने और उनके समन्वय की ओर एक कदम होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय थल सेना का पुनर्गठन अभी जारी है और ये कोशिशें इसे और ताकतवर बनाने की दिशा में एक कदम है।