विवेक तिवारी मामले में सरकार के रूख से पुलिस मे नाराजगी, हड़ताल की चेतावनी
October 4, 2018
लखनऊ, राजधानी के विवेक तिवारी मामले में योगी सरकार के एकतरफा रूख से पुलिसकर्मियों मे नाराजगी बढ़ रही है। जहां एक ओर आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी के समर्थन और मदद के लिये चंदा जुटाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विरोध कर चेतावनी दी जा रही है।
विवेक तिवारी हत्याकांड में योगी सरकार के एकतरफा रूख के विरोध मे, अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा गया है। यह पत्र 3 अक्टूबर को लिखा गया है। पत्र में एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेश सिंह यादव ने विवेक हत्याकांड में आरोपी प्रशांत चौधरी व संदीप के साथ हो रहे अन्याय को लेकर विरोध जताया है। साथ ही पुलिसकर्मियों को लेकर योगी सरकार के रवैये पर असंतोष व्यक्त किया है।
पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने लिखा है कि प्रशांत चौधरी को विवेक तिवारी द्वारा गाड़ी से कुचलकर मारने की कोशिश की गई थी, जिसके बाद आत्मरक्षार्थ सिपाही ने गोली चलाई थी, जिससे विवेक की मौत हो गई। योगी सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुये पत्र मे लिखा है कि इस घटना के बाद विवेक के परिवार को 40 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया व सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया गया। जबकि विवेक तिवारी जैसे ऐसे कई लोगों ने ड्यूटी पर तैनात कई पुलिसकर्मियों को सड़क पर रौंदा है। जबकि कई पुलिसकर्मियों ने अन्याय अत्याचार, शोषण से परेशान होकर आत्महत्या की है, उनके लिए सरकार ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया है। पीड़ित पुलिसकर्मियों के परिजनों को न तो कोई मुआवजा दिया गया और न ही उनके परिवार में किसी को नौकरी मिली है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेश सिंह यादव ने लिखा है कि हमारी मांग है कि उन पीड़ित कर्मचारियों के परिवार को भी योगी सरकार 40-40 लाख रुपए दे व उनके परिजनों को सरकारी नौकरी दिलाएं। साथ ही प्रशांत चौधरी की तहरीर पर मुकदमा लिखा जाए। जब विवेक तिवारी के परिजनों को 40 लाख रुपए व नौकरी दी जा चुकी है, तो प्रशांत चौधरी के खिलाफ मुकदमा वापस लिया जाए।
अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो 11 अक्टूबर को रक्षक कल्याण ट्रस्ट अराजपत्रित वेलफेयर एसोसिएशन के सभी कर्मी मेस का त्याग कर भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। और अगर योगी सरकार ने इसके बाद भी विचार नहीं किया तो आंदोलन होगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की होगी।