लखनऊ, भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भीड़ नही जुट रही है। जो भीड़ दिखाई पड़ रही है वह भी फर्जीं है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
ये बीजेपी के लिये बड़े चिंता का विषय है कि उसके सबसे बड़े स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भीड़ नही जुट रही है। क्या लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनना नही चाहतें हैं या अब जनता में प्रधानमंत्री का क्रेज कम हो गया है? लगातार कुछ ऐसा हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों को लेकर सवाल खड़े हो रहें हैं। विपक्ष के हमले तेज हो रहें हैं। ये सवाल अनायास नहीं हैं?
करीब एक माह पूर्व पंजाब के बठिंडा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली स्थगित होने पर ये आरोप लगा था कि पीएम की रैली में कुर्सियां खाली पड़ी थी, कोई भीड़ मौजूद नहीं थी इसलिए वह रैली नहीं कर पाए और वापस दिल्ली रवाना हो गए। किसान पूरे रास्ते पीएम मोदी का विरोध कर रहे थे। पंजाब में प्रधानमंत्री की रैली कैंसिल होने पर कांग्रेस ने भीड़ न जुटने का आरोप लगाते हुये कहा था कि रैली में कुर्सियां खाली थीं, इसलिए सुरक्षा को बहाना बनाया गया।
यही हाल बिजनौर में हुआ। कोरोना की रफ्तार थमी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुआंधार प्रचार का कार्यक्रम तय हो गया। इसी कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री मोदी को बिजनौर में एक चुनावी रैली को संबोधित करना था। सारी तैयारियां हो गईं और अपने हेलिकॉप्टर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होने के लिए लखनऊ से पहुंच गए थे, पर तभी अचानक खबर आई कि पीएम मोदी का हेलिकॉप्टर खराब मौसम की वजह से दिल्ली से उड़ नहीं पाया। इसके बाद पीएम मोदी ने वर्चुअली तौर पर चुनावी रैली को संबोधित किया। इसे लेकर जयंत चौधरी ने तंज कसा और कहा, ‘बिजनौर में धूप खिल रही है, लेकिन भाजपा का मौसम ख़राब है!’
इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले गुरुवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी की रैली में आई भीड़ को लेकर दावा किया गया है कि उन्हें प्राइवेट बसों में बैठा कर ले आया गया था। जिसमें बस संचालकों से वादा किया गया था कि डीजल का खर्चा दिया जाएगा। बस मालिकों का कहना है कि सभी अपने वादे से मुकर गए हैं। इसको लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज कसा है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक समाचार पत्र की कटिंग शेयर कर लिखा कि वादे में चूक हुई। पहले भाजपा के प्रचार की तस्वीरें ही झूठी थीं, अब तो भाजपा की रैली में भीड़ भी दूसरे राज्यों से लाई जा रही है। भाड़े की भीड़ लाने वाली हरियाणा की बसों को वादा अनुसार तेल टोल तक का पैसा नहीं दिया गया, भाड़ा तो दूर की बात रही। ध्यान रखें कहीं भाजपा अपने मतदाता भी..।
वादे में चूक हुई।
पहले भाजपा के प्रचार की तस्वीरें ही झूठी थीं,अब तो भाजपा की रैली में भीड़ भी दूसरे राज्यों से लायी जा रही है।भाड़े की भीड़ लानेवाली हरियाणा की बसों को वादानुसार तेल-टोल तक का पैसा नहीं दिया गया है,भाड़ा तो दूर की बात रही।
ध्यान रखें कहीं भाजपा अपने मतदाता भी… pic.twitter.com/om3NAWkbvL
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 15, 2022