नयी दिल्ली , कोरोना महामारी से निपटने के प्रयासों के तहत गठित किये गये पीएम केयर्स (प्राइम मिनिस्टर्स सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन्स) फंड न्यास ने इस महामारी के खिलाफ जंग के लिए 3100 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का निर्णय लिया है जिससे 2000 करोड़ रूपये की लागत से देश में ही बने 50 हजार वेंटिलेटर खरीदे जायेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार इसके अलावा 1000 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग प्रवासी कामगारों की देखरेख के लिए और 100 करोड़ रुपये की राशि वैक्सीन के विकास में सहायता के लिए दी जाएगी।
इस फंड का गठन गत 27 मार्च को किया गया था और इसके न्यास के अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री (पदेन अधिकारी) हैं तथा इसके पदेन सदस्यों में पदेन सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने इस फंड में योगदान के लिए लोगों के प्रति आभार भी प्रकट किया है।
देश भर में कोविड-19 के मामलों से निपटने के लिए बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए 2000 करोड़ रुपये की लागत से 50000 ‘मेड इन इंडिया’ वेंटिलेटर्स की खरीद की जाएगी। ये वेंटिलेटर्स कोविड-19 के गंभीर रोगियों के उपचार के लिए समस्त राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे कोविड अस्पतालों को प्रदान किए जाएंगे।
कोरोना महामारी की मार झेल रहे प्रवासियों और गरीबों के कल्याण के लिए किए जा रहे मौजूदा उपायों को मजबूती प्रदान करने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को पीएम केयर्स फंड से कुल 1000 करोड़ रुपये की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाएगी। यह राशि जिला कलेक्टरों और नगर आयुक्तों को उपलब्ध करायी जाएगी, ताकि आवास की सुविधा प्रदान करने, भोजन की व्यवस्था करने, चिकित्सा उपचार प्रदान करने और प्रवासियों के लिए परिवहन की व्यवस्था के प्रयासों को मजबूती प्रदान की जा सके।
यह राशि मुख्य तौर पर 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या और कोविड-19 पॉजिटिव मामलों की अब तक की संख्या आदि के आधार पर जारी की जाएगी जिससे कि सभी राज्यों के लिए मूलभूत न्यूनतम राशि सुनिश्चित की जा सके। यह राशि संबंधित राज्यों के राज्य आपदा राहत आयुक्त के माध्यम से जारी की जाएगी।
कोविड-19 से निपटने के लिए वैक्सीन की सबसे ज्यादा आवश्यकता है और भारतीय शैक्षणिक समुदाय, स्टार्ट-अप्स और उद्योग जगत एकजुट होकर इस अत्याधुनिक वैक्सीन का डिजाइन और विकास करने में जुटे हैं। कोविड-19 वैक्सीन को विकसित करने वालों की सहायता के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि पीएम केयर्स फंड से दी जाएगी। इस राशि का उपयोग प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की निगरानी में किया जाएगा।