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विंडर्जी इंडिया 2024 : नेट ज़ीरो 2070 लक्ष्य की ओर बढ़ता भारत

नई दिल्ली, भारत दुनिया भर से 300 से अधिक प्रदर्शक, 23-25 अक्टूबर 2024 को चेन्नई ट्रेड सेंटर, चेन्नई, तमिलनाडु में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के सबसे प्रतीक्षित और ऐतिहासिक व्यापार मेले एवं सम्मेलन विंडर्जी इंडिया के छठे संस्करण का हिस्सा बनने जा रहे हैं।

ख़ास उद्योग मंच-
विंडर्जी इंडिया 2024 पवन ऊर्जा जगत को समर्पित एक ख़ास उद्योग मंच है। यह एक ऐसा तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला और सम्मेलन है, जो भारत की अभिलाषी नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को पाने और पवन ऊर्जा जगत में प्रगति लाने के लिए उद्योग जगत के लीडरों, पॉलिसी निर्माताओं और इन्नोवेटर को एक साथ लाएगा।

फास्ट-ग्रोइंग शो-
विंडर्जी इंडिया को हाल ही में एग्जीबिशन एक्सीलेंस अवार्ड्स 2024 में भारत के सबसे फास्ट-ग्रोइंग शो के रूप में मान्यता दी गई है, जो पवन ऊर्जा उद्योग में, इन्नोवेटर, पॉलिसी निर्माताओं, नियंत्रकों और उद्योग जगत के दिग्गजों को एक साथ जोड़ता है।

अत्यंत महत्वपूर्ण चरण-
सुजलॉन ग्रुप के सीईओ श्री जेपी चलसानी का मानना है कि भारत अभी भी अपनी पवन ऊर्जा क्षमता का 96% उपयोग नहीं कर पाता है, जिस पर ध्यान दिया जाए तो 2070 तक नेट-ज़ीरो हासिल करने की भारत की कोशिश तेज हो सकती है।
उन्होंने कहा, “हम जिस चरण में है यह पवन ऊर्जा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण चरण है। लगातार मिल रहा पॉलिसी सपोर्ट, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग और इन्नोवेशन को मिलने वाला समर्थन और आरएलएमएम आवश्यकताओं को मजबूत करने जैसे उपायों के साथ हम भारत को रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में कायम कर सकते हैं।”

वैश्विक स्तर की पुष्टि-
यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि भारत, पवन ऊर्जा के क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर होने के साथ वर्तमान में पवन ऊर्जा इंस्टालेशन के मामले में चौथे स्थान पर है। इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को 25 देशों के लगभग 300 प्रदर्शकों के साथ-साथ डेनमार्क, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम जैसे इंटरनेशनल पवेलियन से आधुनिक समाधान पाने का अवसर मिलेगा, जो पवन ऊर्जा के वैश्विक स्तर की पुष्टि करते हैं । 7,000 किमी से अधिक लंबी तटरेखा के साथ, भारत में 500 गीगावॉट से अधिक अपतटीय पवन क्षमता उत्पन्न करने की योग्यता है, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्य अपतटीय विकास में आगे हैं। एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में 7,453 करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात और तमिलनाडु में 1 गीगावॉट की अपतटीय पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। इस प्रोजेक्ट से सालाना 3.72 बिलियन यूनिट नवीकरणीय बिजली का उत्पादन होने की उम्मीद है, जिससे 2.98 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन कम होगा। यह ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने और अपने नेट जीरो 2070 लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारत के उद्देश्य को दर्शाता है।

प्रमुख दिग्गजों और प्रमुख संगठनों का समर्थन-
इस आयोजन को उद्योग जगत के प्रमुख दिग्गजों के साथ-साथ कई अन्य प्रमुख संगठनों जैसे मैन्युफ़ैक्चरर ऑफ़ कंपोनेंट, विंड टरबाइन और सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन के निर्माताओं के साथ-साथ सर्विस प्रोवाइडर और कंसलटेंट का समर्थन प्राप्त है। इंडियन विंड टर्बाइन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईडब्ल्यूटीएमए) और बेंगलुरु स्थित व्यापार मेला आयोजक पीडीए वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित, विंडर्जी इंडिया को बिजली मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, नीति आयोग द्वारा समर्थित किया गया है, इतना ही नहीं इस आयोजन को मेक इन इंडिया पहल के तहत भी मान्यता प्राप्त है।

पवन क्षेत्र के नए विकास पर चर्चा-
“पवन: भारत के ऊर्जा परिवर्तन को बढ़ाना”, विंडर्जी इंडिया 2024 के इस दो दिवसीय सम्मेलन का विषय है। यह आयोजन पवन क्षेत्र के नए विकास पर चर्चा करेगा, बेस्ट इन्नोवेशन का प्रदर्शन करेगा और पॉलिसी फ्रेमवर्क, टेक्नोलॉजी ट्रेंड और इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजी पर चर्चा में भी अपना योगदान देगा। यह क्यूरेटेड सेशन आश्वासन देते हैं कि इस सत्र के दौरान, भारत में पवन ऊर्जा के भविष्य को मज़बूत करने, देश के 2030 के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इनोवेटिव ऑक्शन मैकेनिज्म और ग्रीन एनर्जी रेवॉल्यूशन पोस्ट- COP28 के लिए नए फाइनेंशियल अवेन्यू जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ख़ास विचार-विमर्श किया जाएगा।

राउंड टेबल सेशन और सेमिनार-
मुख्य सम्मेलन के अलावा, विंडर्जी इंडिया 2024 उद्योग विशेषज्ञों के नेतृत्व में राउंड टेबल सेशन और सेमिनार की मेजबानी करेगा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय आयोग और ग्रीन हाइड्रोजन एसोसिएशन (जीएच2), डेनमार्क में इन्वेस्टमेंट, डिपार्टमेंट ऑफ़ बिज़नेस एंड ट्रेड, ब्रिटिश हाई कमीशन और डेवलपमेंट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (सीडीटीआई), स्पेन जैसे प्रमुख संगठन शामिल होंगे। कार्यक्रम का आखिरी दिन भारत के पवन ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य पर केंद्रित होगा, जिसमें छात्रों और शिक्षा जगत पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसमें पवन ऊर्जा प्रणालियों के तकनीकी पहलुओं, हरित अर्थव्यवस्था के परिवर्तन में नवीकरणीय ऊर्जा की भूमिका और स्किल डेवेलपमेंट के माध्यम से स्थायी नौकरियों के निर्माण पर गहन जानकारी और पवन गियरबॉक्स पर तकनीकी निरीक्षण सत्र होंगे, जो स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स (एससीजीजे), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विंड एनर्जी, नॉर्डेक्स और जेडएफ विंड पावर द्वारा आयोजित किए जाएंगे।

पवन ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि-
सेनवियन विंड टेक्नोलॉजी के सीईओ और प्रबंध निदेशक, श्री अमित कंसल ने कहा, “2024 तक 47 गीगावॉट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ भारत के पवन ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल रही है। हाइब्रिड पवन-सौर परियोजनाओं की ओर रुझान परिदृश्य अब बदल रहा है। सरकार का 2030 तक 140 गीगावॉट पवन ऊर्जा का लक्ष्य और हाल ही में नवीकरणीय ऊर्जा में सालाना 10 बिलियन डॉलर से अधिक का होने वाला निवेश, भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने और निरंतर विकास को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।

नवीकरणीय भविष्य में अग्रणी भूमिका-
विंड इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूआईपीपीए) के अध्यक्ष, श्री पराग शर्मा ने कहा, “विंडरजी इंडिया 2024 को उसके छठे संस्करण के लिए बधाई! पवन ऊर्जा क्षेत्र के प्रमुख दिग्गजों को एक साथ लाकर, यह मंच भारत के ऊर्जा परिवर्तन में पवन उद्योग की भूमिका को और मजबूत बनाएगा। इस अगस्त में 47 गीगावॉट की कुल स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता के आंकड़े को पार करने और 2030 तक 140 गीगावॉट लक्ष्य के साथ, उद्योग एक अहम मोड़ पर पहुँच चुका है। बेशक हम क्षमताएं बढ़ाने के लिए तैयार हैं, लेकिन निर्णायक एवं निरंतर पॉलिसी समर्थन और समय पर पीपीए, तत्काल निवेश को आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं जिससे भर्तियाँ बढ़ेंगी और क्षेत्र में स्मार्ट नवाचार आएगा। स्ट्रैटेजिक कोलेब्रेशन, कोस्ट इफ़ेक्टिव टैरिफ और सपॉर्टिव मार्किट मेकैनिज्म, क्षमता वृद्धि में तेजी लाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि पवन ऊर्जा भारत के नवीकरणीय भविष्य में अग्रणी भूमिका निभाए।

रिपोर्टर-आभा यादव