मुरादाबाद , अपने ही बच्चे का अपहरण कराने वाली महिला गिरफ्तार कर ली गई और उसके राज का भी खुलासा हो गया है ?
उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के लाइन पार क्षेत्र में बालक के अपहरण के आरोप में उसकी मां और फेसबुक प्रेमी को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा.प्रभाकर चौधरी ने बताया कि पिछली सात अगस्त को लाईन पार से पांच वर्षीय मासूम ध्रुव का घर के बाहर खेलते समय अपहरण हो गया था। अपने ही पुत्र का अपहरण करने से पहले शिखा ने प्रेमी अशफाक की कार में बैठकर सेल्फी भी ली थी। बच्चे की फिरौती की रकम मिलने के बाद उसका इरादा प्रेमी के संग तेलंगाना में जाकर शादी करके जिम खोलने का था। मां ने बच्चे को पुलिस के सामने कुछ न बताने की 15 दिन की ट्रेनिंग दी थी।
श्री चौधरी ने बताया कि मासूम के अपहरण की साजिश रचने वाली कलयुगी मां शिखा का विवाह 2011 में लाइनपार के रामलीला मैदान निवासी गौरव से हुआ था। शिखा की एक आठ साल की बेटी और एक पांच साल का बेटा ध्रुव है। दो साल पहले शिखा की फेसबुक पर तेलंगाना के निजामाबाद निवासी अशफाक से दोस्ती हुई थी। बिजली मिस्त्री अशफाक से यह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई।
गौरव के नाना अपनी जमीन में से हिस्सा देने की बात कहते थे लेकिन जब उनकी मृत्यु हुई, तो पता चला कि वह सब कुछ गौरव की मौसी रेखा के नाम कर गए हैं। उसके बाद रुपये के लालच में शिखा ने अपने प्रेमी अशफाक के साथ अपने बेटे की अपहरण की साजिश रची। अपहरण से मिलने वाले फिरौती की रकम को लेकर तेलगांना में जाकर अशफाक से शादी कर जिम खोलने की योजना बनायी।
एसएसपी ने बताया कि रुपये के लालच और प्रेमी के साथ शादी रचाने के लिए शिखा ने मार्च में ही बेटे के अपहरण की पटकथा तैयार कर दी थी। अपहरण के बाद पुलिस पकड़ न ले, इसलिए इंटरनेट के जरिए नौ बार कॉल करके ट्रायल कर बाकायदा रिहर्सल किया गया था। लॉकडाउन की वजह से बेटे के अपहरण का समय अगस्त तक खींच गया। अगस्त के शुरुआत में शिखा ने अशफाक को मुरादाबाद आने के लिए कहा था। अशफाक तेलंगाना से टैक्सी करके सात अगस्त की सुबह मुरादाबाद पहुंच गया और एक होटल में कमरा ले लिया।
अशफाक के आने के बाद शिखा अशफाक से मिलने गई और एक कार में बैठकर एक सेल्फी भी ली और पूरी जानकारी दी कि वह अपने बेटे को किस समय उसके हवाले करेगी। दोपहर के समय खुद अपने पांच साल के बेटे को लेकर अशफाक के पास रामलीला मैदान आकर कार तक छोड़कर वापस घर लौट गई थी। चार घंटे बाद शिखा का पति गौरव घर आया, तब इस बात की जानकारी दी गई। शिखा ने तुरंत अशफाक को फोन कर फिरौती की रकम की मांग करने के लिए कहा।असफाक ने मुरादाबाद के होटल से ही इंटरनेट कॉल करके 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी।
गौरव ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस और मीडिया को एक्टिव देख पकड़े जाने के भय से उसने रात को फोन कर बेटे को छोड़कर चले जाने के लिए कहा, लेकिन लॉकडाउन शुरू हो गया था, इसलिए होटल वाले ने बाहर निकलने से मना कर दिया था। आठ अगस्त की सुबह अशफाक बच्चे को लेकर गाजियाबाद निकल गया। गाजियाबाद के एक होटल में रुककर बच्चे के लिए पिजा मंगवाया और उसकी पूरी वीडियो बनाकर शिखा को भेजी। सुबह गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे पहुंचकर एक बस में चढ़ा और खुद पीछे बैठ गया और बच्चे की जेब में दो फोन नम्बर और पता लिखकर रख दिया और कहा कि आगे वाली सीट पर जाकर बैठ जाओ।
बच्चा सबसे आगे वाली सीट पर जाकर बैठ गया और अशफाक बस से उतरकर चला गया।
कुछ देर बाद अपने आपको अकेला पाकर बच्चा रोने लगा। इसके बाद बस के चालक और परिचालक ने बच्चे के परिजन को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चे को बरामद कर लिया।पुलिस ने बच्चे के अपहरण की सूचना के बाद आसपास के सीसीटीवी फुटेज जब देखे, तो बच्चे ने काले कपड़े पहन रखे थे। जब बच्चा बरामद हुआ, तब बच्चे ने अलग रंग के कपड़े पहन रखे थे। पुलिस ने जब बच्चे को बरामद किया और शिखा से बात करवाई, तब बच्चे ने फोन पर बात करते समय यह बताया कि मम्मी-पापा को यह बता दो कि आपने ही मुझको उनके साथ भेजा था।
यह बात बच्चे ने दो से तीन बार फोन पर बोली थी। इसके बाद पुलिस का माथा ठनक गया और कडाई से पूछताछ करने पर यह हैरतअंगेज खुलासा हुआ है।