प्रतापगढ़, साहित्यकार पंडित दया शंकर त्रिपाठी ने ली अंतिम सांंस, साहित्यिक संस्था में रहा उनका महत्वपूर्ण योगदान।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में वकील परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं साहित्यकार पंडित दया शंकर त्रिपाठी ‘नीरद’ निधन हो गया। वह करीब 80 वर्ष के थे।
श्री त्रिपाठी ने कल रात अंतिम सांस ली। उनके निधन से जिले के अधिवक्ताओं एवं साहित्यकारों में शोक की लहर है। कलेक्ट्रेट परिसर में साहित्यिक संस्था कविकुल की ओर से आयोजित शोक सभा में नीरद जी को वकालत के प्रति समर्पित एवं साहित्य का अनन्य अनुरागी बताया गया।
राष्ट्रभक्त चंद्रशेखर आजाद की जीवन शैली पर आधारित “आजाद” शीर्षक से रची गई उनकी एक ऐसी कालजई रचना है, जिसके लिए वे साहित्य जगत में सदैव याद किए जाते रहेंगे। साहित्यिक संस्था कविकुल के सम्वर्द्धन में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
इस अवसर पर आयोजित शोक सभा में कविकुल संरक्षक रामसेवक त्रिपाठी प्रशांत, पं भानु प्रताप त्रिपाठी मराल, अध्यक्ष परशुराम उपाध्याय सुमन सहित विष्णु दत्त मिश्र प्रसून,चिंतामणि पांडे, सुरेश संभव, सत्येंद्र नाथ मिश्र मृदुल, राज नारायण शुक्ल राजन,राज किशोर त्रिपाठी रागी, ओम प्रकाश पाण्डेय गुड्डू,राजेश कुमार पांडे निर्झर, सुरेश दुबे ब्योम, प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रेम, शेष नारायण दुबे राही, डॉ सौरभ पांडे,आनंद प्रचण्ड,सूर्यकान्त मिश्र निराला,ऐश्वर्य पाण्डेय मानस,ओम प्रकाश पंछी आदि साहित्यकारो ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला।