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सीएए के सवाल पर विपक्षी एकता को लगा बड़ा झटका….

blicलखनऊ, कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी की नागरिकता संशोधन काननून के खिलाफ आज बुलाई बैठक में जाने से बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने साफ मना कर दिया है । सीएए के सवाल पर विपक्षी एकता को यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है । इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी भी इस बैठक में आने से मना कर चुकी हैं ।

मायावती ने इस मामले में  ट्वीट में अपनी तथा पार्टी की राय स्पष्ट कर दी है। मायावती ने लिखा है कि वैसे भी बसपा तो शुरू से ही नागरिकता संशोधन कानून के साथ ही एनपीआर के विरोध में हैं। हमने तो अपना विरोध शीर्ष स्तर पर जता दिया है। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार से एक बार फिर अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापस ले।

उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में सीएए को लेकर छात्रों के विरोध का अति-दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। कांग्रेस समेत अन्य वामपंथी दलों का छात्रों का राजनीतिक इस्तेमाल करना उनका भविष्य खराब करना है। उन्होंने कांग्रेस को विश्वासघाती भी कहा। बसपा प्रमुख ने कहा कि अगर वो या उनकी पार्टी इस बैठक में शामिल होती है तो यह राजस्थान में पार्टी के मनोबल को गिराने जैसा होगा। बसपा राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी लेकिन उनके साथ धोखा किया गया । छल ने उनके विधायकों को कांग्रेस ने अपनी पार्टी में शामिल कर लिया जो पूरी तरह से विश्वासघात है ।