अखिलेश यादव ने यूपीकोका को बताया खतरनाक, इसके गुजरात लिंक का किया खुलासा
December 20, 2017
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपीकोका को खतरनाक बताया है। उन्होने इसके गुजरात लिंक का खुलासा किया है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा अब अपनी मनमर्जी और तानाशाही चलाने तथा विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए राज्य सरकार यूपीकोका बिल ला रही है। भाजपा का यह आचरण अलोकतांत्रिक है।यूपीकोका बिल कहने को तो अपराध नियंत्रण के लिए लाया जा रहा है पर इसके पीछे भाजपा सरकार का उद्देश्य वास्तव में राजनीतिक स्वार्थ साधना है।
अखिलेश यादव ने यूपीकोका के गुजरात लिंक का खुलासा करते हुये कहा कि सन् 2019 के संसदीय चुनाव सिर पर हैं। गुजरात में भाजपा को विपक्ष ने नाको चने चबवा दिए हैं। अब भाजपा को उत्तर प्रदेश में भी अंगूर खट्टे लगने लगे हैं। इसलिए जनता के खिलाफ, उसको परेशान करने के लिए ही यूपीकोका थोपने पर आमादा है। यूपीकोका की पृष्ठभूमि में संघ की फासिस्ट मानसिकता है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार जबसे बनी है विपक्ष के प्रति उसका व्यवहार सौतेलेपन का रहा है। संविधान की शपथ तो रागद्वेष से परे रहकर कर्तव्य के निर्वहन की ली गई हैै लेकिन सरकार में बैठे लोग बदले की भावना से ही निर्णय लेना अपना अधिकार समझते हैं।मुख्यमंत्री जी के कोरे दावों से प्रदेश की कानून व्यवस्था के हालात सुधरने वाले नहीं है यूपीकोका तो बहाना है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पहले से जो कानून बने हैं उनका इस्तेमाल करके भी अपराध रोकना चाहिए। भाजपा के गमछाधारी ही सबसे ज्यादा कानून तोड़ रहे हैं। गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है। धार्मिक आजादी पर भी पहरेदारी करने वाले पैदा हो रहे है। इस तरह की अवांछनीय गतिविधियां भाजपा राज में बढ़ गई हैं।
यूपीकोका बिल जनता के लिए भी अभिशाप साबित होगा। अपराधियों के मददगार और संरक्षणदाता की भूमिका में भाजपा के कई नेताओं के नाम सामने आए हैं। अपराधियों की भी जेल से कारगुजारी जारी हैं। बेखौफ अपराधी पुलिस बल पर हमलावर हैं। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। रोजाना हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जी प्रशासनिक व्यवस्था दुरूस्त करने के बजाय विपक्ष पर ही दोष मढ़ते घूम रहे हैं। जनता अब गुजरात से भी बढ़कर पूरा जवाब उत्तर प्रदेश में देने को बेचैन हैं।