प्रयागराज, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने दलगत राजनीति से खुद को परे रखकर राष्ट्र निर्माण के संकल्प को दोहराया और अगले 25 वर्षों को स्वर्णिम काल के रूप में मनाने की घोषणा की।
परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने रविवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि परिषद ने खुद को कभी दलगत राजनीति का हिस्सा नहीं बनाया, आज भी छात्र हितों की बात जहां आती है, अभाविप प्रखरता से उसके समाधान के लिये कार्य करती है। अभाविप के 75 वर्षों की यात्रा अमृत महोत्सव का काल है,आगामी 25 वर्षों की यात्रा अमृत काल रहेगी। अभी तो उगते सूर्य की स्थिति है, स्वर्णिम काल की चमक तो अभी बाकी है।
मेडिकल कॉलेज के ‘प्रीतमदास प्रेक्षागृह सभागार’ में आयोजित ‘अमृत महोत्सव समारोह’ में प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ऐ.के. सिंह तथा प्रयागराज के महापौर गणेश केसरवानी उपस्थिति रहे। कार्यक्रम में 850 से अधिक पूर्व कार्यकर्ता व वर्तमान कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिसमें 500 से अधिक पूर्व कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
श्री चौहान ने कहा कि, “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपने 75 वर्षों की यात्रा में सम्पूर्ण विश्व में मानवता के लिए स्वर्णिम इतिहास लिखा है। आज अभाविप की आवाज़, भारत के युवाओं की आवाज़ का प्रतिनिधित्व कर रही है और विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में कार्य कर रही है। आगामी दिसंबर माह के 1,2 तथा 3 तारीख को अभाविप दिल्ली में अपना 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन करेगी, जिसमें आछ हज़ार कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रहेगी।”
उन्होने कहा कि अभी 45 लाख से अधिक विद्यार्थी परिषद के सदस्य हैं, 20 हज़ार से अधिक विद्यालयों में परिषद की इकाइयां हैं तथा आयामों के माध्यम से भी समाज के हर कोने तक परिषद का विस्तार है का क्रम जारी है।
प्रो. रज्जू भैया विश्वविद्यालय के कुलपति ऐ.के. सिंह ने कहा कि,“ वर्तमान में अभाविप का जो विराट स्वरूप है, वह संघर्षों की देन है। आज सभागार में उपस्थित पूर्व कार्यकर्ताओं को देखकर उन संघर्षों की स्मृतियां ताज़ा हो जाती हैं और उन्ही के अनुभवों से वर्तमान टोली सीख ले उत्साह से कार्य करती है।”