अब आम बजट को लेकर केंद्र और विपक्ष, आ सकते हैं आमने-सामने
January 5, 2017
नई दिल्ली, केंद्र सरकार और विपक्ष में अब आम बजट को लेकर एक बार फिर तनातनी देखने को मिल सकती है। दरअसल कांग्रेस समेत 16 बड़ी विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार तय वक्त से पहले बजट लाकर यूपी समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में फायदा लेना चाहती है। चुनाव आयोग बुधवार को उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनावों की तारीखों का ऐलान करने वाला है। बता दें कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार (3 जनवरी) को फैसला किया था कि बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो जाएगा और फिर 1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट पेश कर देंगे। इसका मतलब साफ है कि इस बार बजट तय समय से लगभग 3 हफ्ते पहले लाया जाएगा। बजट सत्र आम तौर पर फरवरी के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है और बजट लगभग 28 फरवरी के आस-पास प्रस्तुत किया जाता है। विपक्षी पार्टियों ने यह पत्र पिछले हफ्ते भेजा था। इसमें केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए गए हैं। विपक्षी पार्टियां का मानना है कि सरकार लोगों को राज्य में होने वाले चुनावों में लुभाने के लिए नई स्कीम ला सकती है। पत्र में आगे कहा गया है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सरकार को जल्दी बजट लाने से रोका जाना चाहिए। इतना ही नहीं पत्र में साल 2012 का भी जिक्र किया गया है। लिखा गया है कि तब भी उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव थे, लेकिन यूपीए सरकार ने बजट को 16 मार्च तक के लिए आगे बढ़ा दिया था। जिन लोगों ने पत्र पर साइन किए हैं उनमें राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सीपीआई (एम) के सीताराम येचूरी, सपा के राम गोपाल यादव और जेडयू के शरद यादव शामिल हैं। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि जल्दी बजट आने से चुनाव में होने वाले मतदान पर प्रभाव पड़ना तय है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने लोगों के पैसे लूटे हैं। अब कुछ उदारता दिखाने के लिए और चुनावी फैसले को प्रभावित करने की बजट में कोशिश करेंगे। चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के बजट को जल्द लाने से वास्तव में चुनावों की निष्पक्षता पर असर पड़ेगा।