आईएसआई के तीन मददगार जेल भेजे गये, एक पुलिस रिमांड पर

isi_pakistanभोपाल,  भोपाल में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने पाकिस्तान की इंटर सर्विसेस इंटेलीजेंस ;आईएसआई की मदद के आरोप में पकड़े गए तीन आरोपियों को आज जेल भेज दिया। एक अन्य आरोपी को 21 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है। मध्यप्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते ;एटीएस ने 14 फरवरी को सतना निवासी बलराम सिंह, भोपाल निवासी ध्रुव सक्सेना, मोहित अग्रवाल और मनीष गांधी काे अदालत में पेश किया था। जहां से उन्हें 18 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया था। आज ध्रुव, मोहित और मनीष को न्यायालय में पेश किया गया। अदालत को बताया गया कि इन आरोपियों से मोबाइल सिम और दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैंए अब इनकी रिमांड की जरूरत नहीं है। इस पर तीनों को 27 फरवरी तक जेल भेज दिया गया।

सतना पुलिस से प्रोटेक्शन रिमांड पर भोपाल लाए गए राजीव तिवारी को भी आज अदालत में पेश किया गया। राजीव के कहने पर ही बलराम ने जासूसी की और नेटवर्क खड़ा किया। राजीव ही उसे बताता था कि किससे बात की जाए और कहां पैसा पहुंचाया जाए। बैंक में खाते भी उसने ही खुलवाए थे और बलराम को एटीएम कार्ड भी उसने ही दिए थे। अदालत ने राजीव को 21 फरवरी तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है। इससे पहले जबलपुर निवासी मनोज भारती और संदीप गुप्ता को भी 14 फरवरी को 27 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
एटीएस ने नौ फरवरी को इस मामले का खुलासा किया था। उसने इस मामले में 11 युवकों को गिरफ्तार किया था। ग्वालियर निवासी कुश पंडित, जितेंद्र ठाकुरए रीतेश खुल्लर, जितेंद्र और त्रिलोक सिंह भदौरिया को भी गिरफ्तार किया है। एटीएस की जांच में सतना का राजीव तिवारी भी बलराम के सहयोगी के रूप में सामने आया है। उसे एटीएस प्रोटेक्शन वारंट पर भोपाल लेकर आई है।
जम्मू कश्मीर और उत्तरप्रदेश पुलिस के एटीएस से प्राप्त जानकारी के आधार पर मध्यप्रदेश एटीएस ने आईएसआई के लिए जासूसी संबंधी मामले का पर्दाफाश किया है। ये आरोपी आईएसआई की मदद के लिए समानांतर एक्सचेंज चलाने और उनके कथित जासूसों को पैसा मुहैया कराने के मामले में गिरफ्तार किए गए हैं। इनके कब्जे से एक हजार से अधिक सिम कार्ड और सिम बॉक्स तथा अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं।

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