कोलकाता, इंडियन सुपर लीग के अगले सत्र में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या में गिरावट देखी जा सकती है। आयोजक एक फ्रेंचाइजी में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या घटाकर आठ करने पर विचार कर रहे हैं, जबकि अंतिम एकादश में यह संख्या घटकर पांच हो सकती है। सूत्रों ने बताया है कि इस मामले में लीग के आयोजकों के साथ फ्रेंचाइजियों के मालिकों की बैठक चल रही है। इसकी वजह भारतीय फुटबाल टीम के मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन का लीग में भारत के ज्यादा खिलाड़ियों को मौका देने वाला बयान है।
एक अधिकारी ने कहा, टीम में अब आठ ही विदेशी खिलाड़ी होंगे। वहीं अंतिम एकदाश में पांच विदेशी खिलाड़ियों से ज्यादा नहीं हो सकते। इसका मतलब है कि एक टीम में छह भारतीय खिलाड़ी होंगे। अगले सत्र से वह यही करना चाहते हैं। फुटबाल खिलाड़ियों की संघ कुआलालम्पुर में एशियन फुटबाल परिसंघ की बैठक में यह मुद्दा उठा सकती है। एफपीएआई के अध्यक्ष रेनेडी सिंह और पूर्व अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के सलाहकार बाइचुंग भूटिया इस बैठक में हिस्सा लेंगे।
सूत्र ने कहा, मैं नहीं समझता कि यह मुद्दा कल बैठक में उठेगा। यह आईएसएल का अंतरिम मुद्दा है। एएफसी का इससे कोई लेनादेना नहीं है। मेरा मानना है कि एफपीएआई को इस बारे में बता दिया गया है। अगले सत्र से मार्की खिलाड़ी चुनना भी आवश्यक नहीं होगा। इससे पहले हर आईएसएल फ्रेंचाइजी के पास एक मार्की खिलाड़ी होना जरूरी होता था, जो आमतौर पर फुटबाल में बड़ा नाम होता था। एफपीएआई ने हालांकि कहा है कि उसे प्रस्तावित नियमों की जानकारी नहीं है। एफपीएआई ने कहा, नहीं, उन्होंने हमें नहीं बताया है।