आगरा के फतेहपुर सीकरी में गुरुवार रात दो मुसलिम सब्जी विक्रेताओं की एक हिंदू व्यक्ति के साथ हुई मारपीट ने सांप्रदायिक रंग ले लिया। इस मामले में पुलिस ने एक हिंदूवादी संगठन के नेताओं सागर, मूला, ओमी टीकरी, विक्रांत, सचिन, समीर, विष्णु, पिंटू व रवि के खिलाफ जानलेवा हमला और डकैती की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसके विरोध में शनिवार दोपहर बाद फतेहपुर सीकरी थाने पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा होना शुरू हो गया।मुकदमे के विरोध में इन लोगों ने देर शाम थाने का घेराव किया था। वे फतेहपुर सीकरी के इंस्पेक्टर विनोद कुमार यादव को निलंबित करने व हिंदू संगठनों के नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे खारिज करने की मांग करने व सब्जी विक्रेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे।
थाने के घेराव की सूचना पर एसपी देहात मंशाराम, एसडीएम निधि गुप्ता, सीओ रविकांत पाराशर मौके पर पहुंचे और घेराव कर रहे लोगों को समझाने बुझाने की कोशिश की। पर भीड़ ने थाने पर पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस के लाठीचार्ज से बाजार में भगदड़ मच गई। पुलिस ने आधा दर्जन उपद्रवियों को पकड़ कर हवालात में ठूंस दिया। इसी बीच डीएम और एसएसपी भी मौके पर पहुंचे।
पुलिस कुछ हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर सदर थाने ले आई पर अपने साथियों को छुड़ाने के लिए हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता रात को फिर थाने पहुंच गए। वहां इन लोगों की फिर पुलिस से झड़प हुई और उपद्रवियों ने दारोगा की पिस्तौल छीन ली और कार्यकर्ताओं को जबरन हवालात से निकालने की कोशिश की। इसी दौरान उपद्रवियों ने अपनी डयूटी से बाइक पर जा रहे केदार नगर चौकी के प्रभारी संतोष कुमार को घेर लिया और मारपीट करने लगे। इस दौरान उनकी सर्विस पिस्तौल भी छीन ली और उनकी बाइक व केस डायरी को आग के हवाले कर दिया था।
मौके पर पहुंची पुलिस ने उनको भीड़ के चंगुल से छुड़ाया।दरोगा से लूटा गया सर्विस रिवाल्वर भी बरामद हो गया है। रविवार को भी मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुबह से ही सीकरी क्षेत्र में आधा दर्जन थानों का फोर्स के साथ पीएसी को तैनात कर दिया है जो कि सुबह से ही लगातार पूरे सीकरी क्षेत्र में फ्लैग मार्र्च कर रही है।
आगरा के एसएसपी प्रीतिंदर सिंह ने कहा कि बवाल करने वालों पर रिकार्डिंग के आधार पर केस दर्ज किया गया है। सीकरी क्षेत्र के विधायक उदयभान सिंह ने इस घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। उनका दावा है कि उपद्रवी भीड़ में कोई भाजपा कार्यकर्ता शामिल नहीं था।