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इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोका गया हो : आतिशी

नयी दिल्ली, आम आदमी पार्टी(आप) ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के पास विपक्ष के सवालों के जवाब देने का दम नहीं है, इसलिए इन्होंने ‘आप’ के विधायकों को विधानसभा परिसर से ही बाहर करने का रास्ता चुना।

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने आज कहा,“ हमने सदन में “जय भीम” के नारे लगाए तो हमें विधानसभा परिसर से ही बाहर कर दिया। भाजपा बाबा साहब डॉ. अंबेडकर, उनके नाम और उनकी तस्वीर से नफरत करती है। आजाद भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि स्पीकर के आदेश पर विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोका गया हो। विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री, मंत्री और नेता प्रतिपक्ष का कार्यालय है, जहां वह प्रशासनिक काम करते हैं। ऐसे में विधानसभा परिसर के अंदर जाने से रोकना गैर कानूनी और अलोकतांत्रिक है। भाजपा सरकार का यह रवैया पूरी तरह तानाशाही है। इस तरह की शर्मनाक घटना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहले कभी नहीं हुई है।”

सुश्री आतिशी ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि चुने हुए विधायकों को विधानसभा परिसर के अंदर नहीं घुसने दिया जा रहा। आज का दिन लोकतंत्र के इतिहास में काला धब्बा है। आज पूरा देश भाजपा की तानाशाही देख रहा है कि किस तरह बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की तस्वीर हटाई गई और जब आम आदमी पार्टी के विधायकों ने ‘जय भीम’ के नारे लगाए तो 21 विधायकों को सदन से निष्कासित कर दिया गया। ‘आप’ विधायकों को न सिर्फ सदन से निष्कासित किया गया, बल्कि दिल्ली विधानसभा के इतिहास में पहली बार तीन-तीन बैरिकेड लगाकर विधायकों को विधानसभा परिसर से 200 मीटर दूर रोक दिया गया।

उन्होंने कहा,“ भाजपा को यह पता होना चाहिए कि वो भले ही आम आदमी पार्टी के विधायकों को सदन से निकाल दें या हमारे विधायकों को विधानसभा परिसर से निकाल दें लेकिन यह ‘जय भीम’ का नारा पूरी दिल्ली और देश में गूंजेगा। ये लोग ‘जय भीम’ के नारे को रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि आज दिनभर जब विधानसभा का सदन चल रहा था, तब आम आदमी पार्टी के विधायक सड़क पर बैठ कर ‘जय भीम’ के नारे लगा रहे थे।”

वरिष्ठ नेता एवं विधायक संजीव झा ने कहा,“ आज़ादी के बाद के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि अध्यक्ष के आदेश पर विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोका जाए। स्पीकर ने एक अजीबो- गरीब आदेश जारी किया है, जिससे हमारे विशेषाधिकार का हनन हो रहा है। इस बात को लेकर हम अध्यक्ष से बात करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह इस मुद्दे पर बात करने को भी तैयार नहीं हैं। उन्हें किस बात का डर है? हमने सर्वसम्मति से उन्हें सदन में बैठाया। अध्यक्ष सदन के नेता हैं। उनकी जिम्मेदारी है कि वह सभी विधायकों के विशेषाधिकारों की रक्षा करें लेकिन जिसे विशेषाधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, अगर वही इसका हनन करने लगे, तो हम कहां जाएंगे?”

‘आप’ के विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि विपक्ष महिलाओं के लिए 2,500 रुपए महीने की योजना पर सरकार और अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता से सवाल करती तो भाजपा सरकार को तकलीफ़ होती। इन्होंने लोगों की आवाज़ दबाने का आसान रास्ता चुना कि ‘आप’ विधायकों को सदन से ही बाहर निकाल दे।

श्री सिंह ने कहा कि देश तानाशाही से नहीं, बल्कि संविधान से चलता है। इन लोगों को संविधान से परेशानी है। भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा जग जाहिर हो चुका है।

विधायक कुलदीप कुमार ने कहा,“ यह लोग संवैधानिक मूल्यों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ये बाबा साहब के संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। हमारी मांग है कि बाबा साहब की तस्वीर को मुख्यमंत्री कार्यालय में दोबारा उसी जगह लगाया जाए, वरना हमारा यह संघर्ष जारी रहेगा।”