नई दिल्ली, भारत जल्द ही एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का उद्घाटन करेगा, जिसका उद्देश्य 2030 देश के अधिकतर वाहनों को बैटरी चालित वाहनों में बदलना होगा । इस साहसिक कार्य के लिए उद्यमी एलन मस्क एक उचित कदम उठाएंगे और एक बैटरी लीजिंग रणनीति तैयार करेंगे। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार इस योजना की शुरुआत आने वाले कुछ महीनों में कर दी जाएगी, इसके लिए निर्माताओं को सीमित कर में छूट और वाहनों की बिक्री को बढ़ाने के लिए उन्हें बिना बैटरी के ही बेचा जाएगा।
यह रणनीति अमेरिका, जापान और चीन सहित कई देशों के दृष्टिकोण के विपरीत है, जिन्होंने बिजली के वाहनों के लिए सब्सिडी में अरबों डॉलर का प्रावधान किया हुआ है। इन देशों ने भारत को ऐसा न करने की सलाह दी है, हालांकि, भारत, इसके विपरीत रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है जो कि पहले चरण में सार्वजनिक परिवहन के साथ शुरू होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- मद्रास के प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला कार्यक्रम की अगुवाई करेंगे।
भारत में ऑटोमोबाइल कंपनियों द्वारा बनाई गई दुपहिया और तिपहिया वाहन और गैर-वातानुकूलित शहरी बसें, योजना के हिस्से के रूप में बैटरी के बिना ही बेची जाएंगी, इस प्रकार इसकी कीमतों में 70 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। इन वाहनों में लगने वाली बैटरी को निर्धारित कीमतों पर किराये पर लिया जा सकेगा और उन्हें आप रिचार्ज करवा सकेंगे। इसके बाद निजी वाहनों पर काम किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस बैटरी को बदलने में मात्र 10 मिनट का समय लगेगा। अभी तैयार किए गये मॉडल एसी कार और एसी बस में काम नही करेंगे।