नयी दिल्ली, उच्चतर न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने वाले उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम ने अलग-अलग उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के पदों पर नियुक्ति के लिए कई वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के नाम पर विचार किया और उनमें से तीन नामों पर मंजूरी दी।
उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर डाले गए 16 जनवरी के प्रस्तावों के मुताबिक, पी वी गणेडीवाला को बंबई उच्च न्यायालय जबकि न्यायिक अधिकारी मनोजीत मोंडल और वकील संदीपन गांगुली को कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की मंजूरी दी गई है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कोलेजियम ने तीन वकीलों – वसीम सादिक नरगाल, नजीर अहमद बेग और शौकत अहमद मकरू – को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनाए जाने को मंजूरी नहीं दी। कोलेजियम ने बंबई उच्च न्यायालय में न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के लिए दो न्यायिक अधिकारियों के नाम पर भी विचार किया, जिसमें उसने गणेडीवाला को तरक्की के लिए उपयुक्त पाया जबकि एस बी अग्रवाल का नाम वापस भेज दिया गया। न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की सदस्यता वाले तीन सदस्यीय कोलेजियम ने वकील अमित नेगी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त करने की अपनी पहले की सिफारिश वापस ले ली है। उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम ने उनके नाम को मंजूरी दे दी थी, लेकिन पुनर्विचार के लिए उनका नाम सीजेआई के पास वापस भेज दिया गया था।
कोलेजियम ने दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश पद पर नियुक्त करने को लेकर चार वकीलों के नाम पर भी विचार किया। कोलेजियम ने अनुशंसित नामों में से दो पर फैसला टाल दिया जबकि दो अन्य के नाम वापस भेज दिए गए। वकील कृष्णेंदु दत्ता और सौरभ किरपाल पर फैसला फिलहाल टाल दिया गया है और दो-तीन हफ्ते बाद इस पर विचार किया जाएगा जबकि प्रिया कुमार और संजॉय घोष के नाम दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास वापस भेज दिए गए। इनके अलावा, एक अन्य प्रस्ताव के तहत सात वकीलों – सुकांत गुप्ता, संजय वशिष्ठ, जसदीप सिंह गिल, मंसूर अली, सुनील कुमार सिंह पंवार, दीपिंदर सिंह नालवा और हर्ष बंगर – के नाम भी वापस भेज दिए गए। इन वकीलों के नाम पर यदि मंजूरी मिलती तो उन्हें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया जाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के प्रस्ताव को लेकर शीर्ष अदालत के कोलेजियम ने चार न्यायिक अधिकारियों और दो वकीलों के नाम पर विचार किया।