लखनऊ, उत्तर प्रदेश के इतिहास में अब तक के सबसे भारी-भरकम बजट में योगी सरकार ने उद्योग और आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए खजाना खोल दिया है। प्रदेश में एफडीआई के साथ ही फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इण्डिया 500 कम्पनियों के निवेश को आकर्षित करने के लिए 250 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं अटल इण्डस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्राक्चर मिशन के लिए भी 400 करोड़ रुपए का बजट में प्राविधान किया गया है।
यूपी को उद्योग प्रदेश बनाने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास पर खासा जोर दिया गया है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एक नये औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के गठन के बाद इसके अंतर्गत नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अनुरूप औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय टाउनशिप विकसित करने की योजना है। साथ ही सेमी कंडक्टर, डाटा सेन्टर, स्टार्टअप एवं आईटी सेक्टर से सम्बंधित विशेष योजना भी इसमें शामिल है। बजट में बताया गया कि प्रदेश में डिफेंस कॉरीडोर में बड़े पैमाने पर कार्य जारी है। डिफेंस कॉरीडोर के 6 नोड्स में से 3 नोड्स का आवंटन पूर्ण हो चुका है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 2057 करोड़ 76 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दोगुने से ज्यादा है। ऐसे ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए नये लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है।
सड़क और पुलों के लिए भी योगी सरकार बड़े स्तर पर धन खर्च करेगी। इसमें राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए 2881 करोड़ रुपए और धर्मार्थ मार्गों के विकास के लिए 1750 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण के लिए 3000 करोड़ रूपये तथा निर्माण के लिए 2500 करोड़ रूपये खर्च किये जाएंगे। ऐसे ही औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक पार्क के लिए 4 लेन मार्गों के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और निर्माण के लिए 800 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। वहीं चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं के लिए मार्गों के चौड़ीकरण, सुदृढीकरण, नवनिर्माण और पुनर्निर्माण के लिए 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था बजट में की गई है।
शहरों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए रेलवे ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज के निर्माण के लिए 1350 करोड़ रूपये एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सेतुओं के लिए 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार शहरों में अन्य फ्लाईओवर आदि के निर्माण के लिए भी 1000 करोड़ रूपये की बजट में व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी बजट में प्राविधान किये गये हैं। भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस-उड़ान) तथा राज्य सरकार की उत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति के तहत धन खर्च किये जाने हैं। बजट में इस बात का भी उल्लेख है कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में 19.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी के लिए चयनित एयरपोर्ट्स अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती तथा चित्रकूट विकसित तथा म्योरपुर (सोनभद्र) व सरसावा (सहारनपुर) के एयरपोर्ट्स का कार्य गतिमान है। इसके अलावा अयोध्या में ‘महर्षि वाल्मीकि अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डा अयोध्या धाम’ के विस्तार के लिए 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। साथ ही साथ हवाई पट्टियों के निर्माण, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण एवं भूर्मि अर्जन के लिए 1100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा गौतमबुद्ध नगर के जेवर में अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना कार्य एवं भूमि क्रय के लिए 1150 करोड़ रुपए की व्यवस्था भी बजट में की गई है।