देहरादून, उत्तराखंड में बुधवार को होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले विधायक की खरीद-फरोख्त से जुड़ा मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग सामने आने के बाद कांग्रेस ने उसका प्रसार-प्रसारण रोकने की मांग करते हुए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। स्टिंग में रावत तत्कालीन भाजपा विधायक और बुधवार को होने वाले चुनाव में भीमताल से कांग्रेस प्रत्याशी दान सिंह भंडारी को पार्टी से कथित रूप से तोड़ने का प्रयास करते दिख रहे हैं।
मुख्यमंत्री रावत के मुख्य प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने यहां बताया कि उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर मतदान से महज 48 घंटे पहले एक निजी टेलीविजन चैनल तथा भाजपा द्वारा रची गयी साजिश के तहत चुनाव प्रभावित करने के लिये दिखाये जा रहे इस स्टिंग ऑपरेशन के प्रसारण पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। पत्र में कुमार ने कहा है मतदान से पहले कांग्रेस के विरुद्ध वातावरण बनाने तथा उसके एक प्रत्याशी सहित पार्टी की छवि धूमिल कर मतदाताओं को भ्रमित करने के लिये एक सुनियोजित साजिश के तहत भाजपा सोशल मीडिया पर भी इस स्टिंग ऑपरेशन को चला रही है। कुमार ने कहा, कथित स्टिंग सीडी का प्रसारण सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रचार और प्रसारण रोक लगाने के आदेश दें ताकि स्वतंत्र, निष्पक्ष व भयमुक्त चुनाव संपन्न हो सके।
दूसरी तरफ, भीमताल से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे भंडारी ने कहा कि कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर भाजपा ने उनके खिलाफ यह साजिश रची है। पिछले साल भंडारी ने अपने विधायक पद से इस्तीफा देते हुए भाजपा छोड़ दी थी। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गये थे और अब कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उधर, सोमवार शाम सामने आये नये स्टिंग ऑपरेशन के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री पर करारा हमला बोलते हुए तत्काल उनके इस्तीफे की मांग की है। पार्टी ने सीबीआई से अनुरोध किया है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ पहले चल रही जांच में वह इस स्टिंग ऑपरेशन को भी शामिल करे। पिछले साल मार्च में नौ कांग्रेस विधायकों की बगावत से पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच भी रावत का एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था जिसमें उन्हें बागियों को अपने पक्ष में करने के लिये कथित तौर पर रिश्वत की पेशकश करते दिखाया गया था।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने यहां जारी एक बयान में कहा कि भंडारी को तोड़ने के लिए सात करोड़ रूपये की कथित डील का खुलासा होने से भाजपा द्वारा पहले से इस संबंध में व्यक्त की जा रही आशंका सत्य सिद्ध हो गई है। उन्होंने दावा किया कि राज्य विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या कम करने के लिए मुख्यमंत्री रावत ने भंडारी से सात करोड़ रूपए की डील की और उन्हें इस्तीफा देने से पहले एक करोड़ रुपये दिये गये। उन्होंने कहा कि इसके बाद भंडारी को दो करोड़ रुपये और दिए गए। भट्ट ने इसे एक बहुत गम्भीर मामला बताते हुए कहा, मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है और इसलिये उन्हें तत्काल अपने इस्तीफा देना चाहिये। भाजपा नेता ने इसमें डील करने वाले दोनों पक्षों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि पहले स्टिंग की जांच कर रही सीबीआई को इस मामले को भी उस जांच के साथ जोड़ लेना चाहिये।