Breaking News

एक और पत्रकार की हत्या, बीजेपी सांसद और नेताओं से खबर को लेकर था विवाद

बेंगलुरु, कट्टरवादी राजनीति की धुर विरोधी पत्रकार गौरी लंकेश का अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उनका बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी और पार्टी पदाधिकारी उमेश दोषी से खबर को लेकर विवाद चल रहा था।

2019 की तैयारियों मे जुटी समाजवादी पार्टी, जिला सम्मेलन सम्पन्न

जानिये, लखनऊ मेट्रो के शुभारंभ पर, क्या बोले अखिलेश यादव ?

राज राजेश्वरी नगर स्थित उनके घर पर गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बेंगलुरु पुलिस आयुक्त ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि चार अज्ञात हमलावरों ने गौरी लंकेश के घर मेंं घुसकर इस घटना को अंजाम दिया। अज्ञात हमलावरों ने उन्हें काफी नजदीक से 3 गोलियां मारी जिससे उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

किसानों के कर्ज से दो गुना पैसा, पीएम मोदी ने टाटा को दे दिया-राहुल गांधी

जानिये, मीडिया क्यों डर रहा सही खबर दिखाने से ? किसके इशारे पर चल रहा ?

 गौरी कन्नड़ के टैब्लाइड “गौरी लंकेश पत्रिका” की संपादक थीं। उनके अखबार में कुछ भाजपा नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट छपी थी। बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी और पार्टी पदाधिकारी उमेश दोषी ने गौरी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया था, जिसमें वह दोषी पाई गई। वह आज ही गांधीनगर से लौटी थीं।

डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय में मिला, हथियारों का जखीरा

जानिए कौन है मीडिया का ‘डार्लिंग’..

कर्नाटक के मुख्ममंत्री सिद्धरमैया ने हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि दोषियों को पता लगाने के लिए तीन पुलिस टीमें बनाई गई हैं। गौरी की हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए हैं।

अखिलेश यादव का सपना हुआ सच, लोगों से मिल रही बधाईयां

महिला के लिये, यह शब्द प्रयोग करने पर, आप फंस सकतें हैं कानूनी परेशानी में

गौरी लंकेश एक पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता थीं जो व्यवस्था विरोधी, गरीब और दलित समर्थक रुख रखती थीं और वामपंथी विचारों को खुले तौर पर प्रकट करती थीं. वह पत्रकार और कन्नड़ साप्ताहिक टैबलॉयड ‘लंकेश पत्रिका’ के संस्थापक पी. लंकेश की बेटी थीं. उनकी बहन कविता और भाई इंद्रजीत लंकेश फिल्म और थियेटर हस्ती हैं. उन्होने 2005 में कन्नड़ टैबलॉयड ‘गौरी लंकेश पत्रिका’ की शुरुआत की थी. गौरी ने समाज की मुख्य धारा में लौटने के इच्छुक नक्सलियों के पुनर्वास के लिए काम किया और राज्य में सिटीजंस इनिशिएटिव फॉर पीस (सीआईपी) की स्थापना करने वालों में शामिल रही थीं.

फजीहत के बाद भी, भाजपा का कम नही हो रहा, बाबा राम रहीम प्रेम ?

अयोध्या के संतों का भी अखिलेश यादव को मिला आशीर्वाद

यह पहली घटना नही है, 2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में इसी तरह के एक अन्य मामले में साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की उनके घर पर ही हत्या कर दी गई थी। दो लोगों पर कलबुर्गी की हत्या करने का आरोप लगा था।  2015 में ही महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पनसारे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें दक्षिण पंथी संगठनों के दो लोग गिरफ्तार हुए थे। 2013 में पुणे में नरेंद्र दाभोलकर को भी गोलियों से छलनी कर दिया गया था। वह अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाते थे। इसलिए वह सनातन संस्था और अन्य दक्षिणपंथियों के निशाने पर थे।

जानिये, लालू यादव ने क्यों कहा-जय हो “चूहा सरकार” की

 योगेन्द्र यादव ने एक कविता के माध्यम से, देश की वर्तमान स्थिति का कसा तंज 

अखिलेश यादव ने नोटबंदी पर किया बड़ा खुलासा, कहा कि मंहगाई अभी और बढ़ेगी

 नोटबंदी को लेकर, माकपा महासचिव ने मोदी सरकार पर लगाये गंभीर आरोप