लखनऊ, उद्योग मण्डल एसोचैम ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी प्रमुख पार्टियों को अपने घोषणापत्र में शामिल करने के लिये विकास से सम्बन्धित सुझाव दिये हैं। एसोचैम ने राज्य के विकास की सम्भावनाओं का गहन आकलन करके एक परामर्श एजेण्डा के तहत वादे सुझाये हैं। उसका कहना है कि अगर राजनीतिक पार्टियां अपने घोषणापत्र में इन सुझाावों को वादों के तौर पर शामिल करें तो वे न सिर्फ जनता को तरक्की की नयी उम्मीद दे सकती हैं, बल्कि सत्ता में आने पर उन्हें एक फलदायी दिशा भी मिल सकती है।
एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी. एस. रावत ने यहां एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश को लेकर संगठन की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक कार्ययोजना बनायी है, ताकि इस प्रदेश को अगले पांच साल में दोहरे अंकों में विकास दर प्राप्त करने और उच्च आय वाले राज्यों के क्लब में शामिल होने में मदद मिल सके। उद्योग मण्डल ने सुझााव दिया है कि उत्तर प्रदेश में लघु तथा मझाोले उद्योगों एसएमई तथा स्टार्टअप्स के लिये प्रौद्योगिकीय मंच तैयार करने पर जोर देकर अगले पांच साल में रोजगार के 80 लाख नये अवसर उत्पन्न करने का लक्ष्य तय किया जाना चाहिये।
विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं को सौंपे गये एसोचैम के एजेंडा में कहा गया है, उत्तर प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्रभावशाली आर्थिक विकास हासिल किया है। इस राज्य में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होने की क्षमता है, बशर्ते वह अपनी गति को बनाये रखे और अगले पांच साल के दौरान विकास दर को दोहरे अंकों में पहुंचाये। यह ध्यान देने योग्य बात है कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में जहां यूपी की आर्थिक विकास दर देश की विकास दर से ज्यादा थी, वहीं देश की अर्थव्यवस्था में इस राज्य के योगदान की दर में भी लगातार सुधार हुआ था। ऐसा प्रदेश की मौजूदा सरकार द्वारा आर्थिक गतिविधियों में निरन्तरता के कारण हुआ था।