लखनऊ, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भले ही गठबंधन कर लिया हो लेकिन स्थानीय स्तर पर सपा कांग्रेस के नेताओं में तालमेल नहीं बैठ रहा है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश की कम से कम 25 विधानसभा सीटों पर सपा और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने सामने हैं। वहीं फैजाबाद की रूदौली विधानसभा सीट पर कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष बलराम यादव ने पार्टी से बगावत कर राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर गुरूवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन कर दिया।
गौरतलब हो कि बलराम यादव रूदौली से 2007 का विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2012 में कांग्रेस ने पूर्व ब्लाक प्रमुख मुनीर अहमद को टिकट देकर मैदान में उतारा था। इस बार बलराम यादव रूदौली से कांग्रेस के प्रबल दावेदारों में शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक उनका टिकट भी लगभग तय माना जा रहा था लेकिन अंतिम समय में सपा-कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन के तहत रूदौली सीट सपा के खाते में चली गयी। इससे नाराज बलराम यादव ने रालोद का दामन थाम लिया। बलराम यादव के रूदौली से चुनाव लड़ने से सपा व भाजपा के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है। भाजपा से रामचन्द्र यादव के चुनाव लड़ने से वैसे भी सपा कमजोर हुई है दूसरे बलराम यादव के भी मैदान में आने से कांग्रेसी वोट भी सपा से छिटकते नजर आ रहे हैं। बलराम यादव ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि प्रदेश में कई ऐसे सिटिंग विधायकों को हटाकर वह सीट कांग्रेस को दी गयी। रूदौली सीट तो सपा की हारी हुई सीट थी फिर भी कांग्रेस को नहीं मिली। यह कैसा गठबंधन जो जिले में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।