नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाहन स्क्रैपिंग (कटायी) नीति को हरित आर्थिक वृद्धि की रणनीति का हिस्सा और पुरानी चीज के पुनर्चक्रण के सिद्धांत पर आधारित पहल बताते हुए गुरुवार को कहा कि देश में अगले कुछ महीने में सरकारी विभागों की तीन लाख पुरानी गाड़ियों को काटा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार के बजट में इसके लिए प्रोत्साहन दिये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि वाहन स्क्रैपिंग देश में एक बड़ा बाजार बनने जा रहा है। उन्होंने युवाओं और स्टार्टअप इकाइयों को इससे जुड़ने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट प्रस्तुतीकरण के उपरांत उस पर हितधारकों के साथ वेबीनार की वार्षिक श्रृंखला का उद्घाटन करते हुए कहा, “ भारत की वाहन स्क्रैपिंग नीति हरित वृद्धि की रणनीति का एक अहम हिस्सा है। वाहन काटाई के काम को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इस बजट में 3,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। ”
प्रधानमंत्री ने बताया कि आने वाले कुछ महीनों में केंद्र और राज्य सरकार की करीब-करीब 3 लाख गाड़ियों को काटा जाना है। ये गाड़ियां 15 साल से ज्यादा पुरानी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इनमें पुलिस के पुराने वाहन , हॉस्पिटल्स के एंबुलेंस , हमारे सार्वजनिक परिवहन निगमों की पुरानी बसें शामिल हैं। श्री मोदी ने वेबीनार में शामिल उद्यमियों से कहा, ‘वाहन स्क्रैपिंग का काम आप सभी के लिए बहुत बड़ा मार्केट बनने जा रहा है। यह कहा रीयूज (पुनर्प्रयोग), रिसाइकल (पुनर्चक्रण) और रिकवरी (उपयोगी चीज को निकाल कर अलग करने) के सिद्धांत पर चलते हुए हमारी च्रकीय अर्थव्यवस्था को भी नई ताकत देगा।”
प्रधानमंत्री ने देश के नौजवानों और स्टार्ट-अप इकाइयों को चक्रीय अर्थव्यवस्था के ऐसे विभिन्न माध्यमों से जुड़ने की आपील की है।