नई दिल्ली/लखनऊ : खून से लिखे खत के मामले में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिक्रया दी है. उन्होंने खत लिखने वाली दोनों बहनों से मुलाकात की है. सीएम ने दोनों बहनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद, मकान और बच्चियों के मामा को नौकरी देने का वादा किया है.
14 जून को लतिका और उसकी 11 साल की मासूम बहन तान्या के सामने ही उनकी मां अनु बंसल को जिंदा जलाकर मार दिया गया. दोनों बहनों का कहना है कि उनकी मां की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने बेटे के बजाय दो लड़कियों को जन्म दिया था.
बुलंदशहर में रहने वाली 15 साल की लतिका ने सभी छोटे बड़े पुलिस अधिकारीयों के दरवाज़े खटखटाये. लेकिन, इन्साफ नहीं मिला.आखिर में लतिका ने सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने खून से लिखकर पत्र भेज दिया. इसके बाद प्रशासनिक हलके में खलबली मच गई. मुख्यमंत्री ने भी इस खत को गंभीरता से लिया है और दोनों बहनों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुनने को बुलाया है. पुलिस भी अब इस मामले में हरकत में आ गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जिस वक्त लतिका की मां को जलाया जा रहा था, उस वक्त उसने मदद के लिए 100 नंबर पर कॉल भी किया था. लेकिन, उसके कॉल पर कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उसने एंबुलेंस को भी कॉल किया. लेकिन, एंबुलेंस भी मौके पर नहीं पहुंची. इसके बाद लतिका ने अपने मामा को कॉल किया, तब जाकर उसकी मां को अस्पताल ले जाया गया.
पुलिस अपनी सफाई में कह रही है कि कार्रवाई हो चुकी है. मासूम बहनों की खून से लिखी चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बुलंदशहर पुलिस ने ट्विटर पर जवाब में लिखा है कि इस मामले में कार्रवाई हो चुकी है. बुलंदशहर के एएसपी राममोहन सिंह ने कहा है कि पीड़िता के पति मनोज बसंल को शिकायत के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.
उसने बताया कि ‘मैं उस मंजर को कभी नहीं भूल सकती. मेरी मां को मेरी आंखों के सामने जलाया जा रहा था. जिस वक्त मेरी मां ने मुझे जन्म दिया, उस वक्त भी उन्हें टॉर्चर किया गया. क्योंकि उन्हें लड़का नहीं हुआ था. इसके बाद जब 11 साल पहले मेरी बहन तान्या का जन्म हुआ, तब हम तीनों को घर से बाहर फेंक दिया गया.’