चीन के सिचुआन प्रशासन ने दुकानदारों को आदेश दिया है कि वे दलाई लामा के चित्र अधिकारियों को सौंप दें। इस मुहिम को लागू करने के लिए सांस्कृतिक ब्यूरो के कर्मियों, पुलिस और अन्य अधिकारियों का कानून प्रवर्तन दल गठित किया गया है। इस प्रांत में बड़ी संख्या में तिब्बती रहते हैं, जो दलाई लामा को पूजनीय और धार्मिक-आध्यात्मिक प्रदर्शक मानते हैं।
प्रशासन ने दुकानदारों से तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के चित्र जब्त करना शुरू किया है। देश में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नजदीकी माने जाने वाले अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने यह जानकारी दी है।अखबार ने प्रांतीय प्रचार विभाग के निदेशक गोउ यादोंग के हवाले से कहा, इस मुहिम का लक्ष्य चंद्र नववर्ष से पहले अवैध प्रकाशन पर लगाम कसना है। इसमें अश्लील साहित्य और दलाई लामा के चित्र भी शामिल हैं। सिचुआन में यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब दलाई लामा के खिलाफ बीजिंग ने मुहिम तेज कर दी है। बीजिंग उन्हें खतरनाक अलगाववादी बताता है। चीन तिब्बत में उनके चित्रों पर कड़ा नियंत्रण रखता है। इसे कई तिब्बती उनके धर्म एवं संस्कृति के दमन के लिए उठाए जाने के वाले कदम के तौर पर देखते हैं।
‘ग्लोबल टाइम्स’ ने बीजिंग स्थित चाइना तिब्बतोलॉजी रिसर्च सेंटर के लियान शियांगमिन के हवाले से कहा, चीनी लोगों के लिए दलाई लामा तस्वीर टांगना उसी तरह है, जैसे अमेरिकियों को (इराक के पूर्व राष्ट्रपति) सद्दाम हुसैन की तस्वीर दिखाना। सद्दाम को मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में दोषी पाए जाने के बाद 2006 में मौत की सजा दी गई थी। जब कि बार-बार हिंसा की आलोचना करने वाले दलाई लामा को 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।