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जनता को पड़ी महंगाई की मार, रसोई गैस सिलेंडर हुआ इतना मंहगा

नयी दिल्ली,  सब्सिडी वाले रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर की कीमत में बुधवार को 28 पैसे की बढ़ोतरी की गई। इसके बाद दिल्ली में सब्सिडी युक्त गैस सिलेंडर की कीमत 495.86 रुपये से बढ़कर 496.14 रुपये हो गई है।

इस वृद्धि के साथ सब्सिडी युक्त घरेलू रसोई गैस सिलेंडर 2014 के मुकाबले अब तक 82 रुपये महंगा हो चुका है। मई 2014 में भाजपा सरकार सत्ता में आई थी। तब साल की शुरुआत में सब्सिडी वाला सिलेंडर 414 रुपये का था। पेट्रोलियम कंपनियों की अधिसूचना के मुताबिक, सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर में 28 पैसे और बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम में 6 रुपये की वृद्धि की गई है। बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलो गैस सिलेंडर का दाम 6 रुपये महंगा होकर 712.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया है। यह एलपीजी गैस के दामों में लगातार तीसरी वृद्धि है।

अधिसूचना के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर कीमतों में तेजी से विमान ईंधन (एटीएफ) के दाम में भी 2.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वैश्विक बाजार में लगातार बढ़ते दाम के चलते एटीएफ के दाम में यह लगातार तीसरी मासिक वृद्धि हुई है। राजधानी दिल्ली में विमान ईंधन 1,595.63 रुपये प्रति किलोलीटर या 2.5 प्रतिशत बढ़कर 65,067.85 रुपये प्रति किलोलीटर हो गया है। यह लगातार तीसरी मासिक वृद्धि है। इससे पहले विमान ईंधन के दाम एक अप्रैल को 677.1 रुपये प्रति किलोलीटर और एक मार्च को 4,734.15 रुपये प्रति किलोलीटर की वृद्धि हुई थी।

विमान ईंधन की कीमतों में तेजी का असर वित्तीय संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनियों पर पड़ेगा।  वहीं, मुंबई में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिये बेचा जाने वाला मिट्टी का तेल यानी कैरोसिन भी बढ़कर 31.13 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। पहले यह 30.87 रुपये प्रति लीटर पर था। यह वृद्धि 2016 में लिये गये फैसले के अनुरूप की गई है। सब्सिडी पूरी तरह समाप्त होने तक इस ईंधन में हर महीने 25 पैसे की वृद्धि का फैसला किया गया था।

दिल्ली में बिना सब्सिडी वाला कैरोसिन 64,177.63 रुपये प्रति किलो लीटर (64.17 रुपये प्रति लीटर) पर है। दिल्ली को केरोसिन मुक्त राज्य घोषित किया गया है इसलिये यहां सब्सिडी युक्त केरोसिन की बिक्री नहीं की जाती है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ईधन के बाजार मूल्य में वृद्धि और उस पर कर के प्रभाव से एलपीजी के दामों में वृद्धि हुई है। सभी एलपीजी ग्राहक बाजार मूल्य पर ही सिलेंडर खरीदते हैं। हालांकि, सरकार 14.2 किलो वाले 12 घरेलू सिलेंडर पर सब्सिडी देती है और यह सब्सिडी सीधे ग्राहक के बैंक खाते में डाली जाती है।

उल्लेखनीय है कि औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर और विदेशी मुद्रा विनिमय दर के अनुरूप एलपीजी सिलेंडर के दाम तय होते हैं, जिसके आधार पर सब्सिडी राशि में हर महीने बदलाव होता है। जब अंतरराष्ट्रीय दरों में वृद्धि होती है तो सरकार अधिक सब्सिडी देती है और जब दरें नीचे आती हैं तो सब्सिडी में कटौती की जाती है। कर नियमों के अनुसार रसोई गैस पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की गणना ईंधन के बाजार मूल्य पर ही तय की जाती है। ऐसे में सरकार ईंधन की कीमत के एक हिस्से को तो सब्सिडी के तौर पर दे सकती है, लेकिन कर का भुगतान बाजार दर पर करना होता है। इसके चलते कीमतें में वृद्धि होती है।