नई दिल्ली, सरकार ने तटीय क्षेत्र (सीआरजेड) से जुड़ी परियोजनाओं के लिए आवेदन और मंजूरी की व्यवस्था को ज्यादा पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करा दी है। वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री अनिल माधव दवे ने आज इस पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि तटीय क्षेत्र पारिस्थितिकी संतुलन के लिहाज से काफी अहमियत रखते हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों के पर्यावरण को बचाए रखने के साथ साथ यहां आवश्यक आर्थिक गतिविधियों के विकास के लिए कुछ जरूरी नियम बनाए गए हैं।
नियमों के अनुरूप इन क्षेत्रों में शुरु की जाने वाली परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंत्रालय से नियामक मंजूरी आवश्यक है। अब तक इसके लिए कई स्तर पर मंजूरी प्राप्त करने की व्यवस्था थी। परियोजनाओं की मंजूरी के रास्ते में इन प्रक्रियात्मक अड़चनों को दूर करने के लिए ही नया पोर्टल बनाया गया है। यह पोर्टल आम जनता की सरकार तक सीधी पहुंच बनाएगा। पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार इस पोर्टल के जरिए सीआरजेड अधिसूचना 2011 के तहत किसी भी तटीय परियोजना के लिए नया आवेदन, नवीकरण और संशोधन का प्रस्ताव आनलाइन भेजा जा सकेगा। मंजूर हो चुके आवेदन पर हर स्तर पर हो रही कार्यवाही को ट्रैक भी किया जा सकेगा। यह वेब पोर्टल सरकारी एजेंसी राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एनआईसी) की ओर से तैयार किया गया है जो क्लाउड टेक्नालजी पर आधारित है। वेब पोर्टल का इस्तेमाल आसान सुगम बनाया गया है। किसी भी पर्सनल कंप्यूटर जिसमें इंटरनेट सुविधा है इस वेबपोर्टल का इस्तेमाल किया जा सकता है। पोर्टल में सभी तरह की परियोजनाओं के आवेदन के लिए ङ्क्षसगल ङ्क्षवडो इंटरफेस की व्यवस्था की गई है। भेजे गए आवेदनों की मंजूरी किस चरण में पहुंची है इसकी निगरानी की व्यवस्था भी की गई है आवेदक भी लाग इन कर इसे देख सकते हैं। मंजूरी में हो रही देरी के कारणों का पता भी इसके जरिए लगाया जा सकता है। भविष्य में आवेदनों से जुड़ी कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रत्येक आवेदन को एक अलग पहचान संख्या देने की व्यवस्था भी की गई है।