नई दिल्ली/लखनऊ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बार लखनऊ में दशहरा मनायेंगे। वह लखनऊ के मशहूर ऐशबाग में होने वाली रामलीला में रावण का पुतला दहन देखेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी 11 अक्टूबर को आयेंगे और वह असत्य पर सत्य की जीत का त्योहार माने जाने वाले दशहरा को यहीं मनायेंगे। वह कोई जनसभा करेंगे या नहीं, यह अभी तय नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि रामलीला मंच से ही वह कुछ बोल सकते हैं। दूसरी ओर, राजनीतिक प्रेक्षक श्री मोदी की प्रस्तावित इस यात्रा को करीब छह महीने में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से जोडकर देख रहे हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि श्री मोदी बिना मकसद शायद ही कुछ करते हों। दशहरे में यहां मौजूद रहकर वह एक तीर से कई निशाने साधेंगे। परम्परा के अनुसार राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आमतौर पर दिल्ली में दशहरा मनाते हैं। वे दिल्ली के रामलीला मैदान में जाकर रावण के पुतला दहन को देखते हैं। उस दिन दिल्ली की रामलीला में काफी चहल-पहल रहती है। लेकिन, श्री मोदी यदि इस बार लखनऊ की रामलीला में आते हैं तो यह पहला मौका होगा जब किसी प्रधानमंत्री की दशहरा के मौके पर यहां मौजूदगी होगी। इस बीच, ऐशबाग रामलीला कमेटी से जुडे भारतीय जनता पार्टी उपाध्यक्ष डा़ दिनेश शर्मा ने बताया कि दशहरे में यहां आने के लिए श्री मोदी को आमंत्रित किया गया है। उनके आने की पूरी सम्भावना है, लेकिन वह अभी इसकी औपचारिक पुष्टि नहीं कर सकते। डा़ शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री यदि रामलीला के पुनीत अवसर पर यहां आते हैं तो उनका जोरदार स्वागत किया जायेगा। ऐशबाग रामलीला ऐतिहासिक है। यह रामलीला 15वीं शताब्दी में शुरू की गयी थी और तब से लगातार आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह रामलीला साम्प्रदायिक सौहाद्र्र का भी प्रतीक है क्योंकि रामलीला स्थल से सटा हुआ ईदगाह है, लेकिन कभी कोई विवाद नहीं हुआ। दोनों सम्प्रदाय के लोग मिलजुलकर कार्यक्रम आयोजित करते हैं। एक-दूसरे का सहयोग देते हैं। कई बार तो मुस्लिम कलाकारों ने रामलीला में मंचन किया है। कभी-कभी ऐशबाग रामलीला में कोलकाता के भी कलाकार हिस्सा लेते हैं। यह रामलीला रोचक और आकर्षक होती है। इसे देखने के लिए काफी दूर- दूर से लोग आते हैं।