नई दिल्ली, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक केके शर्मा ने कहा है कि सीमा की सुरक्षा के दौरान ड्यूटी पर शहीद होने से ज्यादा बीएसएफ के जवान मानसिक रोग और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के कारण मर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ढाई लाख कर्मियों वाले इस सीमा सुरक्षा बल के जवानों पर किये गये अध्ययन के बाद यह विश्लेषण सामने आया है
। उन्होंने कहा, बल के भीतर किये गये आंतरिक अध्ययनों से पता चला है कि बीमारी (मानसिक और शारीरिक) से मरने वाले कर्मियों की संख्या, अभियान के दौरान शहीद होने वाले जवानों से ज्यादा है। बीएसएफ के मेडिकल निदेशालय के माध्यम से किए गये अध्ययन में जीवनशैली से जुड़ी विभिन्न बीमारियों का जिक्र भी किया गया है। हालांकि, शर्मा ने यह नहीं बताया कि अध्ययन कब और कितने समय में किया गया।
ग्लोबल हेल्थ एसेसमेंट टूल्स के जरिए सीएपीएफ कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण विषय पर मंगलवार को आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर शर्मा ने उक्त बातें कहीं। शर्मा ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने जवानों और अधिकारियों की दिनचर्या में योग शामिल करके कुछ सुधार लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि बल ने जवानों के खान-पान और सामान्य रूटिन मेडिकल जांच में बदलाव के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, शारीरिक स्वास्थ्य का काफी ख्याल रखा गया है, लेकिन जवानों के मानसिक स्वास्थ्य पर वैसा ही ध्यान नहीं दिया गया, उसे नजरअंदाज किया गया है।