देश को सिकलसेल एनीमिया मुक्त बनाने के लिए सभी भागीदार एकजुट होकर करें कार्य: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस संबंध में कल अपने संदेश में कहा कि विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि सभी देशवासी स्वस्थ हों। स्वस्थ नागरिक ही अपने जीवन, अपने राज्य और हमारे देश की प्रगति में प्रभावी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने भारत को सिकलसेल एनीमिया मुक्त बनाने के लिए सभी भागीदारों से एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मध्यप्रदेश के जिला बड़वानी में ‘विश्व सिकलसेल रोग जागरूकता दिवस’ आयोजित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार की सराहना की है। उन्होंने संदेश में कहा कि दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली सिकलसेल एनीमिया, भारत में जनजातीय आबादी को विशेष रूप से प्रभावित करती है। इसके विरुद्ध दृढ़ संकल्प के साथ लड़ने की दिशा में इस दिवस का मनाया जाना एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रपति ने कहा कि दशकों से हमारे आदिवासी समुदाय और पिछड़े क्षेत्रों में कई लोग सिकलसेल एनीमिया का कष्ट झेलते रहे हैं। बीमारी के एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक प्रसार को रोकने के लिए समुदाय स्तर पर स्क्रीनिंग जांच द्वारा पहचान कर “जेनेटिक काउंसलिंग” एवं प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। वर्ष 2047 तक भारत को सिकलसेल एनीमिया से मुक्ति दिलाने का राष्ट्रीय संकल्प इस समस्या को जड़ से समाप्त करने की दिशा में एक दूरदर्शी पहल है।
राष्ट्रीय सिकलसेल एनीमिया मुक्ति मिशन के अंतर्गत सिकलसेल एनीमिया से प्रभावित लोगों के लिए एकीकृत उपचार केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जहां पर रोगियों को आवश्यक औषधियाँ निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि राष्ट्रीय सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत हो रहे प्रयासों से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई जनजातीय समुदायों में बीमारी की पहचान समय पर हो रही है जिससे इलाज और जीवन की गुणवत्ता में सुधार भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब सभी हितधारक मिलकर एक सतत, समर्पित और मानवीय दृष्टिकोण से कार्य करेंगे, तभी इस समस्या का जड़ से उन्मूलन संभव हो पाएगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि विकसित भारत के हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि सभी देशवासी स्वस्थ हों। स्वस्थ नागरिक ही अपने जीवन, अपने राज्य और हमारे देश की प्रगति में प्रभावी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने भारत को सिकल सेल एनीमिया मुक्त बनाने के लिए सभी भागीदारों को एकजुट होकर कार्य करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सब निरंतर एकजुट होकर कार्य करें।”